विनेश फोगट (Vinesh Phogat), एक भारतीय पेशेवर पहलवान, ने कुश्ती के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनने का गौरव हासिल करने वाली विनेश ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इस लेख में, हम विनेश फोगट के जीवन, संघर्ष, करियर और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
विनेश फोगाट की जीवन गाथा (Vinesh Phogat Life Scan)
विनेश फोगाट भारत की सबसे प्रसिद्ध महिला पहलवानों में से एक हैं। वह दो बार की ओलंपियन हैं और राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों तथा विश्व चैंपियनशिप में कई पदक जीत चुकी हैं। आइए उनके जीवन के सफर को जानते हैं…
जन्म और परिवार
विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के भिवानी जिले के बलाली गांव में हुआ था। वह एक प्रसिद्ध पहलवान परिवार से ताल्लुक रखती हैं।उनके पिता राजपाल फोगट और चाचा महावीर फोगट, जिन्होंने उन्हें पहलवानी के क्षेत्र में आगे बढ़ाया, दोनों ही पहलवान थे। उनके परिवार में कुश्ती का एक समृद्ध इतिहास है, और उनके चचेरे बहनें गीता और बबीता फोगट भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवान हैं जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है। उनके पिता राजपाल फोगाट भी एक पहलवान थे। दुर्भाग्य से, विनेश ने महज 9 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया। इसके बाद उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट ने उनकी देखभाल की और उन्हें कुश्ती की ट्रेनिंग दी।
महावीर सिंह फोगाट प्रसिद्ध पहलवान गीता फोगाट और बबीता कुमारी के पिता हैं, जो विनेश की चचेरी बहनें हैं। इस तरह विनेश को एक ऐसे परिवार में पलने-बढ़ने का मौका मिला जहां कुश्ती का माहौल था। हालांकि, उस समय के ग्रामीण समाज में लड़कियों के कुश्ती खेलने को लेकर काफी विरोध था। विनेश और उनके परिवार को इस विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों की ओर बढ़ते रहे।
शिक्षा
विनेश फोगाट ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के.सी.एम सीनियर सेकेंडरी स्कूल झोझू कलां, हरियाणा से पूरी की। इसके बाद उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एम.डी.यू), रोहतक, हरियाणा से स्नातक की डिग्री हासिल की। हालांकि, कुश्ती में उनका फोकस लगातार बना रहा और उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ कड़ी मेहनत से प्रशिक्षण भी जारी रखा।
जीवन यात्रा
विनेश फोगाट का जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा रहा है। बचपन में ही पिता का साया सिर से उठ जाना, गांव के लोगों का विरोध और फिर कुश्ती के मैदान में उतरकर अपनी जगह बनाना – इन सभी चुनौतियों का सामना विनेश ने बहुत ही दृढ़ता से किया।
2016 के रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान उनके घुटने में गंभीर चोट लग गई थी, जिसके कारण उन्हें मैच बीच में ही छोड़ना पड़ा था। यह उनके करियर का सबसे कठिन दौर था। लेकिन विनेश ने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत से वापसी की।
करियर
विनेश फोगाट ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 2013 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप से की, जहां उन्होंने 51 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता। इसके बाद उनका करियर लगातार ऊपर की ओर बढ़ता गया।
2014 में उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इसी साल एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया। 2016 में वह पहली बार ओलंपिक में भाग लेने के लिए क्वालीफाई हुईं।
2018 विनेश के लिए बेहद सफल रहा। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों दोनों में स्वर्ण पदक जीते। एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं।
2019 में विनेश ने अपना पहला विश्व चैंपियनशिप पदक जीता – 53 किग्रा वर्ग में कांस्य। इसी के साथ उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई भी कर लिया।
2021 में उन्होंने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक में वह क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं लेकिन पदक नहीं जीत पाईं।
2022 में विनेश ने एक बार फिर शानदार वापसी की। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
विशेष उपलब्धि
विनेश फोगाट की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि वह एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों दोनों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। इसके अलावा, वह विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कई पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान हैं।
2019 में विनेश लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं। यह उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता का प्रमाण है।
2024 पेरिस ओलंपिक में, विनेश ने एक और इतिहास रच दिया जब वह यूई सुसाकी को हराने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय पहलवान बनीं। सुसाकी मौजूदा ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और विश्व चैंपियन हैं।
पुरस्कार और सम्मान
1. अर्जुन पुरस्कार (2016) – भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन के लिए दिया जाने वाला सम्मान।
2. मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (2020) – भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान।
3. बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर पुरस्कार (2022)
विनेश फोगाट का छोटा सा परिचय
नाम | विनेश फोगाट |
जन्म तिथि | 25 अगस्त 1994 |
जन्म स्थान | बलाली, भिवानी, हरियाणा |
माता-पिता | राजपाल फोगाट (पिता), प्रेमलता (माता) |
भाई-बहन | मेहर फोगाट (भाई) |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पति का नाम | सोमवीर राठी |
ऊंचाई | 5 फीट 5 इंच (165 सेमी) |
धर्म | हिंदू |
निवास | बलाली, हरियाणा |
कुल संपत्ति | लगभग 36.5 करोड़ रुपये (अनुमानित, 2023 तक) |
अंत में…
विनेश फोगाट के साथ पेरिस ओलंपिक में दुखद वाकया तब हो गया जब वह 50 kg भार वर्ग के फाइनल में पहुँचने के बावजूद फाइनल नहीं खेल पाईं। फाइनल से पहले हुए वजन टेस्ट में उनका वजन 50 kg के 100 ग्राम अधिक पाया गया। इस आधार पर नियमों के अनुसार उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनका और भारत का जो कम से सिल्वर मेडल पक्का हो गया था वह भी उन्हे नहीं मिल पाया। उन्हे कोई भी मेडल नहीं मिल पाया।
विनेश फोगाट का जीवन और करियर प्रेरणादायक है। एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना नाम कमाया है। उन्होंने कई बाधाओं और चुनौतियों का सामना किया, लेकिन हर बार और मजबूत होकर उभरीं।
विनेश ने भारतीय महिला कुश्ती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी उपलब्धियों ने न केवल कुश्ती बल्कि समग्र रूप से भारतीय खेल जगत में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया है। वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक रोल मॉडल हैं।
विनेश के पास अभी भी कई लक्ष्य हैं, जिनमें ओलंपिक पदक जीतना सबसे बड़ा है। उनकी दृढ़ता और प्रतिबद्धता को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि वह अपने सपनों को जरूर साकार करेंगी और भारतीय कुश्ती को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।
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Some information courtesy
https://en.wikipedia.org/wiki/Vinesh_Phogat