सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी के प्रमुख नेता हैं, जो अब बिहार के उप-मुख्यमंत्री भी बन चुके है। सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary Biography) कौन हैं? उनके बारे में जानते हैं…
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ अपना गठबंधन तोड़कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर वह भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना नया गठबंधन बनाकर दोबारा से बिहार के मुख्यमंत्री बने। उनके साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में भारतीय जनता पार्टी के नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।
सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी बीजेपी के एक फायर ब्रांड नेता है, जो बिहार बीजेपी के सबसे अग्रणी नेताओं में जाने जाते हैं। आईए सम्राट चौधरी के जीवन का एक आकलन करते हैं…
सामान्य परिचय
सम्राट चौधरी का जन्म 16 नवंबर 1968 को बिहार के मुंगेर जिले के लखनपुर नामक गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम शकुनी चौधरी तथा माता का नाम पार्वती देवी था। वह चौधरी कोइरी जाति से संबंध रखते थे जोकि पिछड़ी जाति की श्रेणी में आती है।
उनके परिवार में उनके माता-पिता शकुनि चौधरी और पार्वती देवी के अलावा उनकी पत्नी ममता कुमारी चौधरी और एक पुत्र तथा एक पुत्री हैं।
शिक्षा
सम्राट चौधरी की आरंभिक शिक्षा बिहार में ही हुई। उसके बाद उन्होंने तमिलनाडु के मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
राजनीतिक करियर
राजनीति उनको पारिवारिक विरासत में मिली थी, क्योंकि उनके पिता शकुनी चौधरी बिहार के खगड़िया विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रहे हैं। इसके अलावा एक बार वह लोकसभा सांसद भी रहे। उनकी माँ पार्वती देवी भी बिहार के तारापुर निर्वाचन क्षेत्र से एक बार विधायक रही हैं।
राजनीति पारिवारिक विरासत में मिली होने के कारण वह जल्दी ही सक्रिय राजनीति में आ गए। जब मात्र 22 साल की उम्र में 1990 में वह सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए। उन्होंने पहली बार तत्कालीन जनता दल की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। जनता दल बाद में टूटकर कई अलग-अलग धड़ों में बट गया और लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल के साथ जुड़ गए। 1999 में वह तत्कालीन राबड़ी देवी सरकार में कृषि मंत्री भी बने।
वह लंबे समय तक राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े रहे। इसी बीच में दो बार 2000 और 2010 में बिहार विधानसभा के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी बने। इसके अलावा वह बिहार विधान परिषद के भी सदस्य रह चुके हैं। वह 2014 में बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे।
2014 में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल छोड़ दिया और जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए। जब 2014 में नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बने और सम्राट चौधरी भी जीतन राम मांझी के मंत्रिमंडल में शहरी विकास और आवास मंत्री बने। 2018 तक वह जनता दल यूनाइटेड से जुड़े रहे।
2018 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और 2020 के विधायक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना स्टार प्रचारक बनाया था। भारतीय जनता पार्टी के नेता के रूप में उन्होंने बिहार में अच्छी खासी लोकप्रियता प्राप्त कर ली थी।
उनके बारे में कहा जाने लगा कि यदि बिहार में बीजेपी का कोई मुख्यमंत्री बनेगा तो वह सम्राट चौधरी हो सकते हैं। 2021 में जब जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन वाली सरकार की कैबिनेट का विस्तार हुआ तो वह पंचायती राज्य मंत्री बनाए गए। उसके बाद 2022 तक में पंचायती राज मंत्री रहे।
2022 में जब नीतीश कुमार ने एक बार फिर भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया तो सरकार गिर गई और सम्राट चौधरी भी सत्ताविहीन हो गए। लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी के नेता के तौर पर बिहार में लगातार सक्रिय रहे। वह नितीश कुमार के मुखर आलोचकों में गिने जाने लगे थे।
अब दोबारा से नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके दोबारा से सरकार बनाई है, जिसमें सम्राट चौधरी बिहार के मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री बने हैं।
सम्राट चौधरी के बारे में कुछ खास बातें
- सम्राट चौधरी बिहार के बरबत्ता विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं। वह पहली बार 2000 में और दूसरी बार 2010 में परबत्ता विधान सभा क्षेत्र से विधायक रहे।
- राजनीतिक कैरियर की दृष्टि से वह राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी इन तीन दलों से जुड़े रहे हैं।
- सबसे पहले वह 1990 से 2014 तक राष्ट्रीय जनता दल के साथ जुड़े। उसके बाद 2014 में जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए। उसके बाद 2018 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
- सम्राट चौधरी के पिता शकुनि चौधरी राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख नेताओं में से थे और वह सात बार विधायक तथा एक बार सांसद रह चुके हैं। उनकी माता भी एक बार विधायक रह चुकी हैं।
- सम्राट चौधरी मार्च 2023 में भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष बने। उसके बाद से वह लगातार बिहार में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में अपनी भूमिका निभाते रहे हैं।
ये भी पढ़ें…
बिहार के जननायक नेता – कर्पूरी ठाकुर