नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) भारत के सबसे सफल एथलीटों में से एक हैं। वह पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में ओलंपिक और विश्व चैंपियन हैं। टोक्यो 2020 में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। 2023 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतकर उन्होंने एक और इतिहास रच दिया। अपनी असाधारण प्रतिभा और कड़ी मेहनत से नीरज ने एक छोटे से गांव से निकलकर दुनिया के शीर्ष एथलीट बनने तक का सफर तय किया है। वह न केवल अपने खेल में उत्कृष्ट हैं, बल्कि अपने विनम्र स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। आइए इस चैंपियन एथलीट के जीवन (Neeraj Chopra Life Scan) और करियर पर एक नज़र डालें।
नीरज चोपड़ा – एक चैंपियन की जीवनगाथा (Life scan of Neeraj Chopra)
जन्म और परिवार
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ था। उनके पिता सतीश कुमार किसान हैं और माता सरोज देवी गृहिणी हैं। नीरज का परिवार मूलतः कृषि से जुड़ा है। उनकी दो बहनें हैं और वह अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं।
शिक्षा
नीरज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पानीपत में ही पूरी की। नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बीवीएन पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 2021 तक वह पंजाब के जालंधर स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से कला स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।
जीवन यात्रा
नीरज चोपड़ा का जीवन संघर्ष और मेहनत का अद्वितीय उदाहरण है। बचपन में मोटापे के कारण चिढ़ाए जाने के बाद नीरज के पिता ने उन्हें व्यायाम के लिए जिम में भेजा। नीरज के पिता ने उन्हें मडलाुडा के एक व्यायामशाला में भर्ती कराया। 11 साल की उम्र में पानीपत स्टेडियम में भाला फेंक खिलाड़ियों को देखकर उन्हें इस खेल का शौक लगा। बिना किसी प्रशिक्षण के ही वह 40 मीटर तक भाला फेंक सकते थे। इससे प्रभावित होकर जयवीर चौधरी ने उन्हें प्रशिक्षण देना शुरू किया।
करियर
नीरज चोपड़ा का करियर प्रेरणादायक है। 2010 में पानीपत स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया सेंटर में, उन्होंने अपने पहले कोच जयवीर चौधरी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण शुरू किया। नीरज ने 2012 में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में 68.40 मीटर का थ्रो करके पहली बार अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। 2014 में उन्होंने बैंकॉक में युवा ओलंपिक क्वालीफिकेशन में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। 2016 में पोलैंड में आयोजित IAAF विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने विश्व जूनियर रिकॉर्ड बनाया।
2018 में नीरज ने राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते। 2021 में टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया। 2022 में विश्व चैंपियनशिप में रजत और डायमंड लीग फाइनल में स्वर्ण जीता। 2023 में बुडापेस्ट में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने एक और उपलब्धि हासिल की।
विशेष उपलब्धि
नीरज चोपड़ा की सबसे विशेष उपलब्धि 2020 टोक्यो ओलंपिक में आई, जब उन्होंने 87.58 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता। यह भारत के लिए ट्रैक और फील्ड में पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक था। इसके अलावा, उन्होंने 2023 में बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता।
नीरज चोपड़ा एथलेटिक्स में भारत के पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। वह विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट भी बन गए हैं। उन्होंने ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और डायमंड लीग – सभी प्रमुख प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीता है।
पुरस्कार और सम्मान
नीरज चोपड़ा को कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- अर्जुन पुरस्कार (2018)
- विशिष्ट सेवा पदक (2020)
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (2021)
- पद्म श्री (2022)
नीरज चोपड़ा का परिचय संक्षेप में…
नाम | नीरज चोपड़ा |
जन्मतिथि | 24 दिसंबर 1997 |
जन्मस्थान | खंडरा गांव, पानीपत, हरियाणा |
माता-पिता | सतीश कुमार और सरोज देवी |
भाई-बहन | दो बहनें |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
ऊंचाई | 5 फीट 11 इंच (1.80 मीटर) |
धर्म | हिंदू |
शहर/राज्य | पानीपत, हरियाणा |
नेटवर्थ | लगभग 35 करोड़ रुपये |
अंत में…
नीरज चोपड़ा ने अपनी असाधारण प्रतिभा और समर्पण के बल पर भारतीय एथलेटिक्स में एक नया अध्याय लिखा है। एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने दुनिया के शीर्ष एथलीटों में अपना स्थान बनाया है। ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने भारतीय खेल इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज करा लिया है। अपने विनम्र स्वभाव और मेहनती रवैये के कारण वह युवाओं के लिए एक आदर्श बन गए हैं। नीरज की सफलता ने भारत में एथलेटिक्स के प्रति रुचि बढ़ाई है और आने वाले समय में वह और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे, ऐसी उम्मीद है। नीरज चोपड़ा न केवल एक महान एथलीट हैं, बल्कि एक बेहतर इंसान भी हैं जो अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
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Some information courtesy
https://en.wikipedia.org/wiki/Neeraj_Chopra