आज के मिलावट भरे युग में जहाँ हर तरह के खानपान में मिलावट है। ऐसे में सब्जियां, फल आदि भी मिलावट और केमिकल से युक्त आने लगे हैं। केमिकल और पेस्टिसाइड्स आदि की सहायता जल्दी विकसित और पकाये गये ये फल हमारी सेहत को धीरे-धीरे बेहद नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे समय में ऑर्गेनिक फूड (Organic Food) का प्रचलन बेहद बढ़ा है। ये आर्गेनिक सब्जी और फल बिल्कुल प्राकृतिक रूप उगाये गये फल-सब्जियाँ है, जो हमारी सेहत के लिए बेहद लाभकारी हैं और हमारी सेहत को गुड बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
ऑर्गेनिक फूड सेहत गुड – Organic Food Health Good
स्वास्थ्य का संबंध सीधे पेट से होता है यानी हमारा खान-पान अच्छा होगा तो हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। हमारे खान-पान के ऊपर ही हमारा स्वास्थ्य टिका होता है। अगर हमारा खान-पान जरा भी गड़बड़ा गया तो हमारा सेहत चौपट होना बिल्कुल तय है। आज के इस मिलावटी खानपान के युग में तो हमें अपने खान-पान पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। ऑर्गेनिक फूड इसका बेहतर विकल्प है।
ऑर्गेनिक फूड क्या होता है?
ऑर्गेनिक फूड या ऑर्गेनिक फल व सब्जियां कोई विशेष फल या सब्जी या नहीं होते। ये स्वाभाविक रूप से उगाए गए फल और सब्जियां होते हैं। हम जानते हैं कि आजकल अधिक से अधिक लाभ कमाने का और प्रतिस्पर्धा का युग है। उत्पादन की अपेक्षा मांग अधिक है। इसका प्रभाव खेती पर भी पड़ा है।
खेती करने वाले किसान कम समय में जल्दी फसल तैयार करने और अधिक से अधिक फसल तैयार करने के लोभ में कीटनाशकों और केमिकल द्वारा फसल को जल्दी पकाते हैं, जिससे वो जल्दी तैयार हो जाती है और उन्हें उसी समय में दो बार फसल उगाने का मौका मिल जाता है। वे पेस्टिसाइड्स का अधिक से अधिक उपयोग करते हैं, जो कि फल-सब्जी के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और फिर खाने के माध्यम से मनुष्य के शरीर में पहुँचकर उसकी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। ऑर्गेनिक फल या सब्जियां कोई विशेष फल या सब्जियां नहीं है। वह प्राकृतिक रूप से उगाए गए वे ही फल या सब्जी हैं जो आज से कुछ समय पहले ही किसान प्राकृतिक रूप से उगाते थे।
प्राचीन तरीके से बिना किसी केमिकल और बिना किसी कीटनाशक के स्वाभाविक रूप से फसलें उगाई जाती थी और उन्हें उनके सही समय पर पकने दिया जाता था, जिससे उनमें सारे स्वभाविक गुण आ जाते थे और किसी भी तरह के हानिकारक तत्व नहीं आते थे। यह सभी स्वभाविक रूप से उगाये गये फल व सब्जियां ऑर्गेनिक फूड कहलाते हैं लेकिन आज के युग में ऐसे फल व सब्जियां मिलने बहुत मुश्किल हो गए हैं।
ऑर्गेनिक फूड की पहचान कैसे होती है?
ऑर्गेनिक फल या सब्जियां बाहर से देखने में सामान्य फल या सब्जी की तरह लगते हैं, लेकिन सामान्य रूप से ऑर्गेनिक फल या सब्जियां बाजार में नहीं मिलते इसलिए उनकी पहचान करना आसान है, क्योंकि ऑर्गेनिक फल या सब्जियां महंगे होते हैं और सर्टिफाइड होते हैं। इन पर ऑर्गेनिक होने की पहचान लगी होती है।
अगर सामान्य तौर पर ऑर्गेनिक फूड और सामान्य फल सब्जी में अंतर किया जाए तो बाहर से देखने में दोनों एक से लगते हैं, लेकिन थोड़ी कोशिश से हम दोनों के बीच पहचान कर सकते हैं। ऑर्गेनिक फल या सब्जियों में उनकी स्वाभाविक व तेज गंध होती है, जो कि उस फल या सब्जी की स्वभाविक गंध होती है। जबकि केमिकल और कीटनाशकों द्वारा उगाए गए फल या सब्जी में उतनी तेज गंध नहीं होती। आर्गेनिक सब्जी पकाने में जल्दी पक जाती हैं, जबकि केमिकल द्वारा उगाई गईं सब्जियां देर से पकती है।
आर्गेनिक फल और सब्जियों की विशेषताएं
ऑर्गेनिक फल और सब्जियां प्राकृतिक रूप से उगाया जाए फल और सब्जियां होते हैं, जो किसी भी तरह के हानिकारक तत्वों से रहित होते हैं। ऑर्गेनिक फल और सब्जियों की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं।
- आर्गेनिक फल एवं सब्जियों में किसी भी तरह के विषैले तत्व नहीं पाए जाते। ऑर्गेनिक फल या सब्जियों के उगाने में किसी भी तरह के केमिकल, पेस्टिसाइड्स, प्रिजर्वेटिस या किसी भी तरह की दवाई जैसी हानिकारक चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसी कारण इनमें से विषैले तत्व नहीं पाए जाते।
- ऑर्गेनिक सब्जियां प्राकृतिक रूप से ऑर्गेनिक फॉर्म में उगाए जाते हैं, जिन्हें उन्हें स्वाभाविक रूप से विकसित होने दिया जाता है और किसी भी तरह के केमिकल अथवा पेस्टिसाइड का उपयोग न किए जाने के कारण यह अपने स्वाभाविक गुणों से भरपूर होते हैं।
- आर्गेनिक फल और सब्जियाँ पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल आदि सभी तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं।
- ऑर्गेनिक फल और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, क्योंकि इनको उगाने में किसी भी तरह के नाटक का उपयोग नहीं किया जाता है, इसीलिए इन फलों सब्जियों में उनके पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
- ऑर्गेनिक फल और सब्जियां प्राकृतिक रूप से विकसित होने के कारण अपने पौष्टिक गुणों से युक्त होते हैं, जिस कारण ये मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
- जिस फार्म में ऑर्गेनिक फल या सब्जी उगाए जाते हैं, उस जमीन को लगभग दो साल के लिए खाली छोड़ दिया जाता है ताकि उस फॉर्म की मिट्टी में मिले हुए पेस्टिसाइड या अन्य हानिकारक तत्वों का असर पूरी तरह खत्म हो जाए। उसके बाद स्वाभाविक रूप से इस तरह के फल एवं सब्जियों की खेती की जाती है।
- ऑर्गेनिक फल और सब्जियां मानव की प्रतिरोधक क्षमता शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते है, क्योंकि यह प्राकृतिक एवं पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं।
आर्गेनिक फूड (Organic Food) के रूप मे क्या ज्यादा पापुलर हैं?
ऑर्गेनिक फल और सब्जियों का मतलब ये नही कि हर तरह के आर्गेनिक फल और सब्जियां होते है। आर्गेनिक फल और सब्जियों में मौसमी फल एवं सब्जियों की अधिक मांग होती है। ये भी जरूरी नही कि आर्गेनिक केवल फल या सब्जियां ही होते हैं। मिलावट तो आजकल हर तरह के खाद्य पदार्थों में होने लगी है। इसलिए आर्गेनिक फूड के रूप में अनाज, दाल, चावल, तेल, शहद, चाय, मसाले आदि अन्य खाद्य पदार्थ भी आने लगे हैं।
ऑर्गेनिक फल और सब्जी मंहगे क्यो होते हैं?
ऑर्गेनिक फल या सब्जियों तथा अन्य खाद्य पदार्थों के महंगा होने का मुख्य कारण यह होता है कि आर्गेनिक रूप गाने वाले फूड जिनमें फल, सब्जियां, अनाज या अन्य पदार्थ शामिल है, वह एक लंबी प्रक्रिया से गुजार कर उगाए जाते हैं। इस कार्य में काफी समय लगता है। इनको उगाने में किसी भी तरह के केमिकल, पेस्टिसाइड तथा दवा आदि का प्रयोग नहीं किया जाता। इस कारण इनका उत्पादन धीमी गति से और कम स्तर पर हो पाता है, तथा लागत अधिक लगती है। ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की मांग बहुत अधिक मात्रा में है, तो आपूर्ति के मुकाबले मांग अधिक होने के कारण ही ऑर्गेनिक फूड अधिक महंगे होते हैं।
आर्गेनिक फूड (Organic Food) का सही तरीके से उपयोग करना सीखें।
अपने घर में ऑर्गेनिक फूड के नाम पर फूड लाकर उसे गलत तरीके से पकाने से उसका सही लाभ उनको नहीं मिल सकता। यदि ऑर्गेनिक फूड को अपने घर में लाये हैं, तो उसे पकाने का भी सही तरीका होना चाहिए। ऑर्गेनिक फूड को मिलाकर उसे खूब देर तक पकायेंगे या उसमें और उसमें दूसरे हानिकारक फूड मिला देंगे तो ऑर्गेनिक फूड के जो भी पोषक तत्व है, वह खत्म हो जाएंगे और आपको उसका का वास्तविक लाभ नहीं मिल पाएगा। इसलिए ऑर्गेनिक फूड को पकाने और खाने का तरीका भी संभाल कर प्रयोग में लाना चाहिए और उसे कम से कम पका कर खाना चाहिए ताकि उसके पोषक तत्व नष्ट नहीं हो।
ऑर्गेनिक को बनायें अपनी जीवन शैली
जैसा कि पहले बताया गया है कि ऑर्गेनिक का मतलब खाली फल या सब्जी से नहीं होता। इनके अलावा अनाज, तेल, दाल-चावल भी आर्गेनिक होते हैं। आजकल तो हर तरह के खाद्य पदार्थ और दूसरी दैनिक जीवन के काम में आने वाले पदार्थ भी ऑर्गेनिक आने लगे हैं।
ऑर्गेनिक से मतलब प्राकृतिक और शुद्ध रूप से तैयार किए गए पदार्थों से होता है, इसलिए हम यदि अपने जीवन में अधिक से अधिक ऑर्गेनिक पदार्थों को जगह देंगे तो हम अपने स्वास्थ्य को और अधिक मजबूत करेंगे। बहुत से लोग ऑर्गेनिक जीवन शैली की तरफ एकदम से नहीं मुड़ पाते। इसके पीछे ऑर्गनिक पदार्थों का महंगा होना होना हो सकता है। इसके लिए हम धीरे-धीरे ऑर्गेनिक जीवन शैली को अपने जीवन में जगह दे कर दे सकते हैं और एक क्रमवार तरीका अपनाकर थोड़े से शुरुआत करके धीरे-धीरे ऑर्गेनिक जीवन शैली को अपने जीवन में पूरी तरह अपना सकते हैं। जीवन को ऑर्गेनिक बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं।
- सफेद चावल की जगह ब्राउन चावल का अधिक प्रयोग करें, यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
- मीठे के लिए शक्कर की जगह गुड़, खांड और शहद आदि का प्रयोग करें ।
- बिना पॉलिश वाली दालों का ही प्रयोग करें।
- हमेशा मौसमी सब्जियों की प्रयोग में लाएं।
- बाहरी रूप से प्रयोग में किए जाने वाले पदार्थ भी ऑर्गेनिक होते हैं. इन्हें अपने जीवन में स्थान दें। जैसे ऑर्गेनिक साबुन, आर्गेनिक टूथपेस्ट, ऑर्गेनिक हेयर डाई, ऑर्गेनिक लोशन, ऑर्गेनिक तेल आदि।
आर्गेनिक फूड कहाँ से प्राप्त करें?
आर्गेनिक फूड प्राप्त करना के लिये अनेक सर्टिफाइड ब्रांड और स्टोर उपलब्ध जहाँ से आप आर्गेनिक फूड मंगा सकते हैं।
- सात्विक (Sattvic)
- डाउनटु अर्थ (Down to Earth)
- ऑर्गेनिका (Organica)
- फैबइंडिया (Fab India)
- ऑर्गेनिक इंडिया (Organic India)
- 24 मंत्रा (24 Mantra)
- नवधान्या (Navdanya)
- ग्रीनसेंस (Green Sense)
- सनराइज (Sunrise)
- विजनफ्रेश (Vision Fresh)
हर तरह के आर्गेनिक फल या सब्जी हों, ये जरूर नही
यह जरूरी नहीं कि हमें हर तरह के ऑर्गेनिक फल या सब्जी ही यूज करने चाहिए। बहुत से फल या सब्जी ऐसे होते हैं जिन पर किसी तरह के केमिकल या पेस्टिसाइड का असर नहीं होता क्योंकि उनका छिलका बेहद मोटा होता है या वह जमीन के अंदर होने के कारण उन पर केमिकल, दवा या पेस्टिसाइड का इतना असर नहीं होता। इसलिए इन्हें सामान्य फल एवं सब्जी का भी प्रयोग कर सकते हैं। कुछ ऐसे ही फल या सब्जी इस प्रकार हैं…
भुट्टा : भुट्टे के ऊपर कई छिलके होने के कारण ये केमिकल या पेस्टिसाइड्स से बचे रहते हैं।
अनानास (पाइनेपल) : अनानास का मोटा छिलका इसको किसी भी कीटाउम और पेस्टिसाइड से बचाता है।
आम : आम का ऊपरी छिलका मोटा होने के कारण इसमें कीटनाशक अंदर नही जा पाते।
शकरकंद : ये जमीन के नीचे उगलती हैं और पेस्ट या पेस्टिसाइट से प्रभावित होने की आशंका कम होती है।
नार्मल फल सब्जियों में ये सावधानियाँ रखें
- अधिकतर मौसमी फल एवं सब्जियों का ही अधिक से अधिक प्रयोग करें।
- सब्जियों की खरीदारी करते समय पैकेट में बंद सब्जियों की जगह लोकल निजी मार्केट की सब्जियां खरीदने ज कि स्थानीय खेतों में ही उगाई गई हों।
- सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर और साफ कर कर भी उसे पकाएं।
- फलों को भी अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग में लाएं।
- दालों को पकाने से पहले पानी में उन्हें अच्छी तरह धोये है और पकाने से पहले आधा घंटा तक लोगों का रखें तथा वह पानी फेंक दें। इससे उनमें मिले किसी भी तरह के हानिकारक केमिकल, पेस्टिसाइड्स आदि पूरी तरह निकल जाएंगे।
- फल या सब्जियों को केमिकल और कीटनाशक मुक्त बनाने के लिए 1 लीटर पानी में 1 मिलीलीटर पोटेशियम परमैंगनेट मिलाकर इस घोल में सब्जियों को 15-20 मिनट भिगोकर रखने से हानिकारक केमिकल निकल जाते हैं।
- पोटेशियम परमैंगनेट न होने पर एक चम्मच नमक मिले पानी में भी फल एवं सब्जियों को 30 मिनट तक रखने से लाभ मिलता है।
अपने घर में भी उगा सकते है ऑर्गेनिक फल–सब्जियां
आप चाहे तो अपने घर में ही ऑर्गेनिक फॉर्म की शुरुआत कर सकते हैं। अपने घर के आस पास की खाली जगह पर प्राकृतिक रूप में खेती करें और किसी भी तरह की खाद या पेस्टिसाइड्स को नहीं डाले तथा स्वभाविक रूप से पौधों को विकसित होने दें। किसी भी तरह के पेस्टिसाइड या दवा या केमिकल के छिड़काव से दूर रखें।
यदि किसी कारणवश आपके पौधों में कीड़ा लग जाए तो और कीटनाशक के लिए आर्गेनिक कीटनाशक का प्रयोग करें जो कि वनस्पतियों से बने होते हैं। नीम का तेल एक बेहतरीन ऑर्गेनिक कीटनाशक है। तो इस तरह हम ऑर्गेनिक फल व सब्जियों को अपने जीवन में अपनाकर अपनी सेहत को को नया बूस्ट दे सकते है, और इस मिलावटी खाने के युग में अपने सेहत की रक्षा कर सकते हैं।
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