Sunday, December 1, 2024

पपीता के लाजवाब फायदे और गुण – पपीता खाएं सेहत बनाएं

पपीता एक ऐसा फल है जो अपने कमाल के सेहतमंद गुणों के लिए जाना जाता है। पपीते क्या लाजवाब गुण (Know papaya benefits) हैं, ये सेहत के लिए कितना फायदेमंद है? आइए जानते हैं।

पपीता क्या है?

पपीता एक ऐसा फल है जो बहुत ही आसानी से कहीं भी मिल सकता है। यहाँ तक कि आप घर के आस-पास थोड़ी-सी जगह होने पर वहां भी लगा सकते हैं। पपीता को कच्चा या पका दोनों अवस्थाओं में खा सकते हैं। कच्चा हो या पका पपीता के औषधीय गुणों के कारण ये कई बीमारियों के लिए उपचारस्वरुप प्रयोग किया जाता है।

पपीता के गुण

आयुर्वेद में पपीता के पौष्टिक गुणों के कारण इसको दाँत और गले के दर्द के साथ-साथ दस्त, जीभ के घाव,दाद, सूजन जैसे अनेक बीमारियों के लिए औषधि के रुप प्रयुक्त किया जाता है।

पपीता का पेड़ हल्के छोटे और आसानी से उगने वाले होते हैं। पपीता के फल विभिन्न आकार के, गोलाकार अथवा बेलनाकार, कच्ची अवस्था में हरे तथा  पकने के बाद पीले रंग के हो जाते हैं। फलों के अन्दर काले धूसर रंग के गोल मरिच जैसे बीज रहते हैं। इसकी फलमज्जा पकने पर पीली तथा मीठी होती है।

इस पौधे के किसी भी भाग में हल्का खरोंच आने पर भी दूध जैसा पदार्थ निकलने लगता है, जिसको आक्षीर कहते है। पपीता कच्चा हो या पका उसमें इतने सारे मिनरल, विटामिन, प्रोटीन, एनर्जी आदि है कि वह बहुत सारे रोगों के लिए फायदेमंद साबित होता है।

पपीता प्रकृति से कड़वा, गर्म, तीखा, कफ और वात कम करने वाला और जल्दी हजम होने वाला होता है। पपीता का क्षीर या कच्चे पपीते को काटने से जो दूध निकलता है वह पाचक होता है। पपीता  का कच्चा फल  थोड़ा कड़वा तथा मधुर होता है। और पका हुआ फल मधुर, पित्त कम करने वाला, सूजन का दर्द कम करने वाला, वात को कम करने के साथ – साथ रक्त को भी शुद्ध करता है।

यह विष हरने वाला, बल बढ़ाने वाला, पसीना निकालने वाला तथा कुष्ठनाशक होता है। पपीता का वानस्पतिक नाम है कैरिका पपाया। पपीता Caricaceae (कैरीकेसी) कुल का होता है। पपीता को अंग्रेजमें Papaya (पपाया) कहते हैं।

पपीता के फायदे (Know papaya benefits)

पपीता में विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर, पोटाशियम, एनर्जी जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं। जिसके कारण आयुर्वेद में पपीते के पत्ते, बीज, जड़ और फल सब का रोगों के उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता है।

मुँह के छालों को ठीक करने में फायदेमंद पपीता

कई बार किसी दवाई के एलर्जी के कारण,  किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के वजह से या शरीर में किसी विटामिन की कमी से मुंह में छाले या घाव होने लगते हैं। इस परेशानी से राहत पाने के लिए पपीते का इस्तेमाल ऐसे करने पर आराम मिलता है। पपीते के दूध या आक्षीर को जीभ पर लगाने से जीभ पर होने वाला घाव जल्दी भर जाते हैं।

दाँत दर्द में लाभकारी पपीता

अगर दाँत दर्द से परेशान हैं तो पपीते का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है। पपीते से प्राप्त दूध को रूई में लपेटकर लगाने से दाँत का दर्द कम होता है।

कंठरोग से दिलाये राहत पपीता

कई बार ठंड लगने के कारण गले में दर्द या सूजन हो जाती है लेकिन पपीता से बनाये गए घरेलू उपाय का प्रयोग करने से जल्दी आराम मिलता है। पपीता से प्राप्त आक्षीर या दूध को जल में मिलाकर गरारा करने से गले के रोगों में लाभ होता है।

कमजोरी दूर करने में मदद करता है पपीता

अगर लंबे बीमारी के कारण या पौष्टिकता की कमी के वजह से कमजोरी महसूस हो रही है तो पपीता का इस तरह से सेवन करने पर लाभ  (papaya benefits)मिलता है। पपीता के कच्चे फलों का साग बनाकर सेवन करने से अग्निमांद्य (Dyspepsia) तथा कमजोरी में लाभ होता है। कहने का मतलब यह है कि पपीता खाने के फायदे कमजोरी दूर होने में मदद मिलती है।

दस्त रोके पपीता

अगर ज्यादा मसालेदार खाना, पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का  नाम ही नहीं ले रहा तो पपीता का घरेलू उपाय बहुत काम आता है। पके बीजों का सेवन चावल के साथ करने से अतिसार या दस्त में फायदा पहुँचता है। इसके अलावा कच्चे फल का साग बनाकर सेवन करने से अतिसार में लाभ होता है।

बवासीर में फायदेमंद पपीता

आजकल के असंतुलित खान-पान के वजह से बवासीर की समस्या बढ़ने लगी है। इसके दर्द से राहत पाने में पपीता बहुत फायदेमंद साबित होता है। पपीता के कच्चे फलों से प्राप्त आक्षीर या दूध को अर्श के मस्सों पर लगाने से बवासीर में लाभ होता है। इसका प्रयोग चिकित्सकीय परामर्शानुसार करना चाहिए।

लीवर-प्लीहा से जुड़े रोगों में लाभकारी है पपीता

अगर कोई लीवर और स्प्लीन संबंधी बीमारियों से परेशान है तो पपीता का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है। पपीता के फलों का सेवन करने से रक्तार्श, यकृत् तथा प्लीहा – विकारों का शमन होता है। लकवा के लक्षणों से दिलाये राहत पपीता लकवा होने पर जो परेशानियां होती है उससे राहत दिलाने में पपीता काम करता है। पपीता के बीजों से तेल बनाकर, छानकर मालिश करने से लकवा तथा अर्दित (मुँह का लकवा) में लाभ होता है।

त्वचा-विकार से दिलाये राहत पपीता

आजकल के तरह-तरह के नए-नए कॉज़्मेटिक प्रोडक्ट के दुनिया में त्वचा रोग होने का खतरा भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। पपीता के द्वारा बनाये गए घरेलू उपाय चर्म या त्वचा रोगों से निजात दिलाने में मदद करते हैं। पौधे से निकलने वाले आक्षीर को सिध्म, गोखरू, अर्बुद, गाँठ तथा चर्म रोगों में लगाने से लाभ होता है।

दाद-खुजली से दिलाए आराम पपीता

आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में दाद-खुजली रोग होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। हर कोई किसी न किसी त्वचा संबंधी परेशानी से ग्रस्त हैं। पपीता इन सब परेशानियों को कम करने में मदद करता है। पपीता के बीजों को पीसकर, उसमें ग्लिसरीन मिलाकर दाद पर लगाने से दाद तथा खुजली में लाभ होता है। इसके अलावा इसके फलों से प्राप्त आक्षीर को लगाने से दाद तथा खुजली की परेशानी कम होती है।

सूजन को करें कम पपीता

अगर किसी चोट के कारण या बीमारी के वजह से किसी अंग में हुए सूजन से परेशान है तो पपीता के द्वारा किया गया घरेलू इलाज बहुत ही फायदेमंद होता है।  पपीता के फल मज्जा को पीसकर लगाने से सूजन कम होती है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने में फायदेमंद पपीता

पपीता  सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम  करने में आपकी मदद कर सकता है क्योकि रिसर्च के अनुसार पपीता में एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है जो की कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता करता है।

रोग प्रतिरक्षक क्षमता बढ़ाने में सहायक पपीता

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पपीता का सेवन आपके लिए एक अच्छा साधन हो सकता है क्योंकि रिसर्च के अनुसार पपीता में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का गुण पाया जाता है।

आँखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक

पपीता पपीते में विटामिन ए और सी पाए जाने के कारण यह आँखों के लिए भी लाभकारी होता है।

पाचन तंत्र को सक्रिय करने में सहायक पपीता

पपीते की दीपन और पाचन गुण के कारण यह पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है साथ ही  पपीता में रेचन यानि लैक्सटिव का गुण भी पाया जाता है  जो कि कब्ज को भी दूर करने में मदद करता है। पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से दिलाये राहत पपीता पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द वात दोष के अधिक बढ़ने के कारण होता है। पपीते में वात शामक गुण पाए जाने के कारण यह इसमें राहत देता है।

वजन घटाने में मददगार पपीता

पपीता अपने दीपन, पाचन और रेचन गुण के कारण वजन घटाने में मदद करता है। इससे पाचन स्वस्थ होता है एवं शरीर के सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।

डायबिटीज के लक्षणों से दिलाये राहत पपीता

डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में पपीता के बीज का सत्व फायदेमंद हो सकता है क्योंकि एकरिसर्च के अनुसार  इसमें एंटी डायबिटिक का गुण होता है।

तनाव को कम करने में मददगार पपीता

अगर आपको किसी प्रकार का या आप डिप्रेशन के शिकार है तो पपीता का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि एक रिसर्च केअनुसार पपीता में एंटी डिप्रेशन के गुण पाए जाते है।

गठिया के दर्द से दिलाये राहत पपीता

गठिया का रोग वात दोष के बढ़ने के कारण होता है। पपीते में पाए जाने वाले वात शामक गुण इस रोग के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है।

बिच्छू के काटने पर पपीते का प्रयोग

बिच्छू के काटने पर उसके असर को कम करने में पपीता मदद करता है। पपीते के कच्चे फल से प्राप्त आक्षीर या दूध को दंश-स्थान पर लगाने से वृश्चिक या बिच्छू दंशजन्य विषाक्त प्रभाव कम  होता है।

मासिक धर्म में कम ब्लीडिंग होने पर पपीता फायदेमंद

पपीता के उपयोगी भाग पपीते के फल, पत्ते, बीज, जड़ और आक्षीर का इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता है।

पपीता का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए ?

बीमारी के लिए पपीता के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए पपीता का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

पपीता से चेहरे के अनचाहे बालों से मुक्ति

पपीता में पैपैन एंजाइम होता है, जो बालों को बढ़ने से रोकता  है। इसका उपयोग करने से आपके बालों का बढ़ना कम हो जाता है, और वे जल्दी दिखाई नहीं पड़ते। पपीता संवेदनशील त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके उपयोग से आप हमेशा के लिए इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

यह अनचाहे बाल हटाने का बहुत ही सटीक तरीका है। इसके लिए 1-2 टी-स्पून पपीता और 1/2 टी-स्पून हल्दी पाउडर लें। सबसे पहले पपीता को छीलकर मिक्सी में पीस लें। इस पेस्ट में हल्दी मिलाएं। पेस्ट को 15 मिनट के लिए फेस और गर्दन में अच्छे से लगायें। कुछ देर बाद पानी से धो लें। इस पेस्ट का इस्तेमाल हफ्ते में 2 बार करें।

पपीते से करें डेंगू बुखार का इलाज

पपीते के पत्ते डेंगू बुखार में बहुत लाभदायक होते हैं। अगर आपको डेंगू बुखार के लक्षण नजर आते हैं तो चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका सेवन करें। पपीते में मौजूद पोषक तत्वों और कार्बनिक यौगिकों का मिश्रण प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि करता है।

पपीता कहाँ पाया और उगाया जाता है ?

पपीता का मूल रूप से दक्षिण अमेरिका से आया है। 400 वर्ष पूर्व पोर्तुगीज लोगों के द्वारा यह भारत में लाया गया। मालूम होता है पहले यह दक्षिण भारत के केरल देश में आया है। केरल निवासी इसे कप्पकाय‘ कहते हैं। इसका मूल उत्पत्ति स्थान दक्षिण अमेरिका है, किन्तु अब तो यह सम्पूर्ण भारतवर्ष में न्यूनाधिक प्रमाण में घरों में और बागों में पाया जाता है। मुंबई, पूना, बंगलौर, चेन्नई और राँची के पपीते प्रसिद्ध और उत्तम माने जाते हैं।

तो आज हमने जाना कि पपीते के बहुत सारे गुण हैं, इसके फायदों की तो बात ही निराली है। यदि हम पपीते को अपने दैनिक डाइट में शामिल कर लें तो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नही होगा।


ये भी पढ़ें
WhatsApp channel Follow us

संबंधित पोस्ट

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Follows us on...