सांसों की दुर्गंध, जिसे मुँह से दुर्गंध (Mouth smell problem and remedy) भी कहा जाता है, कई व्यक्तियों के लिए एक परेशान करने वाली चिंता हो सकती है। इस स्थिति के पीछे कई कारण हैं, जो हमारी दैनिक बातचीत और आत्मविश्वास को प्रभावित करते हैं।
आपसी बातचीत और खाने में मुँह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे इससे निकलने वाली किसी भी दुर्गंध हमारे लिए परेशानी का कारण बन जाती है। आइए सांसों की दुर्गंध के कुछ आम कारणों जानें और इस समस्या से निपटने के प्रभावी उपायों के बारे में जानें।
दाँतो की सफाई न करना
सांँसों की दुर्गंध का एक मुख्य कारण अपने दाँतों की नियमित रूप से सफाई न करना हो सकता है। अनियमित ब्रशिंग और मुँह की स्वच्छता की कमी, कुल्ला न करने से मुँह के अंदर दाँतो और मसूड़ों पर गंदगी जमा होने लगती है, जिसमें बैक्टीरिया, फंगस आदि पनपने लगते हैं जो मुँह की दुर्गंध का कारण बनते हैं।
खाना खाने के बाद मुँह को साफ न करने से उसमें भोजन के कण रह जाते हैं। ये भोजन के कण मुँह मे सड़ते रहते हैं और बदबू पैदा करने का कारण बनते हैं। इससे निपटने के लिए, एक अच्छे टूथब्रश और गुणवत्ता वाले टूथपेस्ट का उपयोग करके अपने दांतों को नियमित रूप से ब्रश करने की आदत बनाएं। इसके अतिरिक्त, साफ और ताजा मुंह बनाए रखने के लिए डेंटल फ्लॉस और अल्कोहल-मुक्त जीवाणुरोधी माउथवॉश का उपयोग करें।
मुँह में संक्रमण
मुँह में संक्रमण, जैसे मसूड़ों की बीमारी आदि सांसों की दुर्गंध के बढ़ाते हैं। संक्रमण होने से हानिकारक बैक्टीरिया पनपते हैं और दुर्गंध पैदा करते हैं। इसे रोकने के लिए अच्छा मुँह में किसी भी तरह का संक्रमण न होने दें और मुँह को स्वच्छ रखें। यदि आवश्यक हो तो पेशेवर दंत चिकित्सक सेवा लें.
कम लार का बनना
मुँह में बैक्टीरिया से लड़ने में लार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह एक प्राकृतिक एंटीवायरस के रूप में कार्य करता है और हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। लार का उत्पादन कम होने से खराब बैक्टीरिया में वृद्धि हो सकती है, जिससे सांसों में दुर्गंध आ सकती है। लार को बढ़ाने के लिए, पूरे दिन खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें।
मधुमेह और सांसों की दुर्गंध
मधुमेह से पीड़ित लोगों को सांसों से दुर्गंध का सामना करना पड़ सकता है। मधुमेह का सही उपचार और मुँह की स्वच्छता बनाए रखना आदि बेहद आवश्यक हो जाता है।
मुँह की दुर्गंध दूर करने के उपाय (Mouth smell problem and remedy)
गाजर और फल
गाजर और कुछ फल सांसों की दुर्गंध से निपटने में मदद कर सकते हैं। गाजर की रेशेदार प्रकृति दांतों से प्लाक और बैक्टीरिया को हटाने में सहायता करती है, जबकि प्राकृतिक एंजाइम वाले फल पाचन में सहायता करते हैं और सांसों की दुर्गंध की संभावना को कम करते हैं।
इलायची, सौंफ और काली मिर्च
इन मसालों में सुगंधित गुण होते हैं जो सांसों को ताज़ा करने में मदद करते हैं। भोजन के बाद इलायची, सौंफ या काली मिर्च चबाने से मुंह की दुर्गंध कम हो सकती है।
नीम
नीम में शक्तिशाली जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो इसे सांसों की दुर्गंध के लिए एक उत्कृष्ट उपाय बनाता है। मुँह की दुर्गंध को दूर करने के लिए नीम की दातुन का प्रयोग करें। अगर नियमित रूप से दातुन का प्रयोग नही कर सकते हैं, तो समस्या होने पर दातुन का प्रयोग करने से मुँह की दुर्गंध दूर होती है।
तुलसी की पत्तियां
तुलसी की पत्तियों को चबाना या तुलसी के पानी से गरारे करना प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर के रूप में काम करता है।तुलसी के पत्तों में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो सांसों की दुर्गंध से प्रभावी ढंग से निपटते हैं। तुलसी के पत्तों को चबाने से मुँह की दुर्गंध दूर होती है। इसके अलावा तुलसी के पत्तों के रस को पानी में घोलकर कुल्ला करने से भी मुँह की दुर्गंध दूर होती है।
पुदीना
जब पुदीने की पत्तियों को कुचलकर या उबालकर उसके पानी से गरारे किए जाते हैं, तो ये मुँह की दुर्गंध को दूर करता है।
पुदीने के पत्तों को पीसकर पानी में घोलकर इस पानी से दिन में चार बार कुल्ला करने से भी मुँह की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
सरसों का तेल और नमक
सरसों के तेल में नमक मिलाकर मसूड़ों पर मसाज करने से मुँह की दुर्गंध मिटती है। यह एक बेहद प्रभावी घरेलू नुस्खा है।
नमक का पानी
नमक का पानी भी मुँह की दुर्गंध से छुटकारा पाने का बेहतरीन उपाय है। नमक के पानी का कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंध मिटती है। नमक के पानी का से दिन में दो बार नमक का पानी का कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
अदरक
अदरक भी मुँह की दुर्गंध से छुटकारा पाने में सहायक होती है। अदरक के एक चम्मच रस को एक गिलास पानी में घोलकर दिन में दो से तीन बार कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
सौंफ
भोजन करने के बाद आधा चम्मच सौंफ को मुँह में चबाने से मुँह की दुर्गंध दूर होती है।
नींबू
सुबह एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंध में फायदा मिलता है।
अनार
अनार के छिलके को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से मुँह की दुर्गंध में राहत मिलती है।
सूखा धनिया
सूखा धनिया भी मुंह की दुर्गंध को दूर करने में बेहद लाभदायक है। सूखे धनिया का इस्तेमाल माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जा सकता है। सूखे धनिया को मुँह में रखकर चबाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
हरा धनिया
हरा धनिया मुँह में रखकर चबाने से मुँह की दुर्गंध दूर होती है और मुँह में सुगंध उत्पन्न होती है।
गुलाब
गुलाब की पंखुड़ियां चबाने से और उन पंखुड़ियों को मसूड़ों पर मालिश करने से भी मुँह की दुर्गंध दूर होती है।
अमरूद
अमरूद की पत्तियां को चबाने से भी मुँह की दुर्गंध दूर होती है।
मुलेठी
मुलेठी को नियमित रूप से चबाने से मुँह की दुर्गंध दूर होती है।
लौंग
लौंग को हल्के भूलकर चबाने से या मुँह में रखकर चूसने से मुँह की दुर्गंध दूर होती है।
ग्रीन टी
नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन न केवल कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है बल्कि इसके रोगाणुरोधी गुणों के कारण सांसों की दुर्गंध को कम करने में भी मदद करता है।
जीभ की सफाई
अपनी जीभ को नियमित रूप से साफ करना न भूलें क्योंकि इसमें गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया हो सकते हैं। अपनी जीभ को साफ रखने के लिए जीभ खुरचनी या ब्रश का प्रयोग करें। इन सरल उपचारों को अपनी मौखिक देखभाल की दिनचर्या में शामिल करके और दाँतों की सफाई का ध्यान रखकर आप प्रभावी ढंग से सांसों की दुर्गंध से निपट सकते हैं और दूसरों के साथ ताज़ा और सुखद बातचीत का आनंद ले सकते हैं। याद रखें, स्वस्थ मुँह से आत्मविश्वासपूर्ण मुस्कान आती है!
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