संतरा एक अद्भुत फल है। हल्के खट्टे-मीठे स्वाद वाला ये फल अनेक गुणों से युक्त है। इसी खट्टे-मीठे फल के गुणों और उसके फायदे (Benefits of orange) को जानते हैं… |
नारंगी रंग के खट्टे-मीठे स्वाद वाले अद्भुत गुणों और इसके लाभों का जान लें (Benefits of orange)
संतरा जिसे हम नारंगी के नाम से भी जानते हैं, वह एक मजेदार रसदार हल्का सा खट्टा मीठा स्वाद ले जाए वह फल होता है । यह विटामिन C से भरपूर एक फल है और स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। संतरा यानी नारंगी का नियमित सेवन करना ना केवल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है बल्कि ये इसका रस यानि जूस बेहद स्फूर्तिदायक पेय है। अनेक औषधीय गुणों से युक्त होने के कारण एक औषधि के रूप में भी प्रयुक्त किया जाता है। आइये संतरे के गुण, उसके फायदे और उसके औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं…
संतरा क्या है?
संतरा एक खट्टे-मीठे स्वाद वाला और गर्म तासीर वाला फल है। यह नारंगी के रंग का होता है इसलिये इसे नारंगी कहते हैं। इसका पेड़ 3 से 4 फुट ऊँचा होता है, जिसमें कंटीली टहनियां लगी होती है। इस का पेड़ झाड़ी की तरह दिखाई देता है। संतरे के फल से मीठी मंद मंद मधुर सुगंध आती है। संतरे के फूल भी सुगंधित और मनमोहक होते हैं और इसके फूल भी औषधीय गुणों से युक्त होते हैं। संतरे का फल नारंगी रंग का मांसल फल होता है, जिसमें छिलके के अंदर मुख्य फल के रूप में अनेक छोटे-छोटे गूदेदार टुकड़े होते हैं, जिन्हें ‘फाँके’ कहते हैं। संतरे की इन फाँकों में रस भरा गूदा होता है।
संतरा कहाँ पाया जाता है?
भारत की बात करें तो संतरा उत्तर भारत में पाया जाता है। हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश ,पश्चिम और दक्षिण भारत के महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में पाया जाता है। औषधीय गुणों से युक्त संतरे के अनेक फायदे हैं। इन फायदों के जानते हैं…
त्वचा के रोग में लाभकारी
- यदि त्वचा संबंधी कोई समस्या हो तो संतरा उसमें बेहद लाभकारी है।
- संतरे के पत्ते और उसकी छाल को पीसकर उसका लेप करने से सिर की रूसी से राहत मिलती है।
- इसी लेप को यदि त्वचा पर पुराने चकत्तों, एग्जिमा कैसे खुजली वाले स्थान पर लगाया जाए तो से काफी लाभ प्राप्त होता है।
- संतरे के पत्ते और छाल के लेप से सामान्य खुजली और त्वचा संबंधी दूसरे लोगों में भी राहत मिलती है।
- संतरे का फूल खुजली की बीमारी में भी लाभकारी होता है।
चेहरे के सौंदर्य में लाभकारी
- संतरे के फल के छिलकों को छांव में सुखाकर उसे पीसकर उसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण में गुलाब जल मिलाकर और थोड़ी सी मलाई मिलाकर चेहरे पर लगाएं इससे ना केवल चेहरे पर निखार आता है, बल्कि चेहरे के कील मुंहासे खत्म हो जाते हैं।
बुखार और खाँसी में लाभकारी
- यदि संतरे के जूस में सेंध नमक डालकर पिया जाए तो यह जूस बुखार तथा खाँसी के रोग में फायदा करता है।
भूख बढ़ाने में लाभकारी
- संतरे फल के लगभग 20 मिलीग्राम छिलके लें और उसका काढ़ा बना लें। इस काढ़े में नींबू का रस मिलाकर सुबह-सुबह खाली पेट सेवन करने से भूख संबंधी समस्या दूर होती है।
- भूख बढ़ाने के लिए एक उपाय किया जा सकता है। संतरे के छिलके का चूर्ण बनाकर उसमें जीरा, इलायची, सोंठ और मरिच की बराबर मात्रा मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण में सेंधा नमक मिलाकर इस मिश्रण को छाछ (मट्ठा) के साथ पीने से भूख बढ़ती है।
पेट के रोगों के लिए लाभकारी
- संतरे का जूस उल्टी, दस्त रोकने और कब्ज में भी लाभकारी होता है।
- संतरे के जूस का सेवन करने से पेट के कीड़े समाप्त होते हैं तथा जिन लोगों को बहुत प्यास लगती है, दस्त की समस्या अथवा अफारा यानि अधिक पेट भरने की समस्या और अपच की समस्या है, तो संतरे का जूस उसके लिए बेहद लाभकारी है।
डायबिटीज के रोग में लाभकारी
- यदि संते के संतरे के फल का गूदा और संतरे के छिलके तथा संतरे के पत्ते और फूलों को भून लिया जाए और फिर इन्हें पीसकर उनका सेवन किया जाए तो डायबिटीज के रूप में बेहद लाभ प्राप्त होता है।
रक्त विकार संबंधी रोगों में लाभकारी
- संतरे का 20 मिलीग्राम जूस लें और उसमें 5 मिलीग्राम चिरायता का रस मिला लें। इस मिश्रण को पीने से तरह-तरह के रक्त विकार संबंधी रोगों में लाभ प्राप्त होता है।
- यदि संतरे के फल का या इसके जूस का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो भी रक्त विकार संबंधी अनेक समस्याएं दूर होती हैं।
मलेरिया के रोग में लाभकारी
- संतरे में एंटी मलेरिया का गुण पाया जाता है। इसका सेवन करने से मलेरिया के रोग से लड़ने में बेहद लाभ प्राप्त होता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करने में लाभकारी
- संतरे में वातशामक होने का गुण मौजूद होता है। यह गुण रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए संतरे के जूस का अथवा संतरा के फल का नियमित सेवन करने से रक्तचाप में बेहद लाभ प्राप्त होता है।
आँखों के रोग में लाभकारी
- संतरे का नियमित सेवन करने से आँखों में जलन, सूजन, खुजली आदि समस्याओं से राहत मिलती है।
अवसाद यानी डिप्रेशन के रोग में बेहद लाभकारी
- अवसाद यानी डिप्रेशन की समस्या बात संबंधी समस्या है। यह वात दोष के असंतुलित होने के कारण ही उत्पन्न होता है। संतरे में वातशामक का गुण पाया जाता है। इसलिए संतरे का नियमित सेवन करने से अवसाद से मुक्ति पाई जा सकती है।
सर्दी जुकाम में लाभकारी
- संतरे के 10 से 20 मिलीग्राम जूस में शहद और सेंधा नमक मिलाकर उसका सेवन करने से सर्दी जुकाम से राहत मिलती है। यही मिश्रण टीबी के रोग, अस्थमा का रोग तथा संबंधित अन्य लोगों में भी लाभ प्रदान करता है।
- संतरे के रस की एक या दो बूंद नाक में डालने से सर्दी जुकाम में लाभ प्राप्त होता है। संतरे के फल के 20 मिलीग्राम के छिलके को का काढ़ा बनाकर इसमें 5 से 10 ग्राम नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से भी सर्दी और जुकाम में राहत मिलती है।
डेंगू के बुखार में लाभकारी
- डेंगू के बुखार में संतरा लाभकारी सिद्ध हुआ है। संतरे के जूस में एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है और इसमें विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है। यह दोनों तत्व डेंगू बुखार के वायरस को नष्ट करने में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं, इसीलिए संतरे के जूस का सेवन करने से डेंगू बुखार में काफी फायदा मिलता है और बुखार से जल्दी रिकवरी होती है।
- संतरे का जूस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
शारीरिक कमजोरी में लाभकारी
- संतरे के रस की एक से दो बूंद को नाक में डालने और संतरे के फूल के रस से मालिश करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है।
गठिया के रोग में लाभकारी
- संतरे के पत्ते, तथा संतरे की छाल का पेस्ट बनाकर इसे थोड़ा गर्म करके दर्द या सूजन वाले जोड़ों पर लगाने से दर्द और सूजन दोनों में राहत मिलती है। यह गठिया के रूप में बेहद लाभ देता है।
मूत्र संबंधी रोग में लाभकारी
- यदि संतरे के 10 से 20 मिलीग्राम रस में 10 से 15 मिलीग्राम कच्चे नारियल का पानी मिलाया जाए और इसका सेवन किया जाए तो मूत्र संबंधी रोगों में लाभ प्राप्त होता है।
- संतरे के जूस सेवन करने से किडनी की सूजन कम होती है तथा मूत्र मलिका की सूजन कम होती है।
पेट दर्द में लाभकारी पेट दर्द
- संतरे के छिलके की 500 मिलीग्राम मात्रा का सेवन करने से पेट दर्द में लाभ मिलता है।
हृदय विकार में लाभकारी
- संतरे के फूल के रस से छाती पर नियमित रूप से मालिश करने से हृदय संबंधी रोगों में लाभ प्राप्त होता है।
- संतरे के छिलके का काढ़ा बनाकर पीने से भी हृदय संबंधी रोगों में लाभ प्राप्त होता है।
संतरे के उपयोगी भाग
संतरे के चार उपयोग होते हैं जो औषधीय गुणों से युक्त हैं।
- संतरे का मुख्य फल
- संतरे के फल का छिलका
- संतरे का फूल
- संतरे के पत्ते
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Disclaimer |
ये सारे उपाय इंटरनेट पर उपलब्ध तथा विभिन्न पुस्तकों में उपलब्ध जानकारियों के आधार पर तैयार किए गए हैं। कोई भी उपाय करते समय अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लें। इन्हें आम घरेलू उपायों की तरह ही लें। इन्हें किसी गंभीर रोग के उपचार की सटीक औषधि न समझें। |
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