Saturday, July 27, 2024

इंटरनेट ब्राउजिंग में कुकीज़ (Cookies) क्या-हैं?

इंटरनेट ब्राउजिंग में कुकीज़-cookies-क्या-हैं? (What is Cookies)

इंटरनेट ब्राउज़िंग में कुकीज़ क्या होती है (What is Cookies)। क्या ये जरूरी हैं या नही? इसके क्या लाभ हैं? क्या हानि हैं? आइये इसको समझते हैं?

इंटरनेट ब्राउजिंग में कुकीज़-cookies-क्या-हैं?

कुकीज़ इंटरनेट ब्राउजिंग में बेहद आवश्यक है, क्योंकि यह हमारी गोपनीयता से संबंधित होती हैं। यह ब्राउज़र के लिए एक आवश्यक तत्व है, जिसकी सहायता से वेबसाइट को ब्राउजिंग करना सुविधाजनक होता है। इनसे यूज़र (उपयोगकर्ता) को सहायता प्राप्त होती है। कुकीज़ के कई लाभ भी हैं और कुछ नकारात्मक हानियां भी हैं, लेकिन अधिकांश कुकीज़ पूरी तरह सुरक्षित होती हैंं। आइये समझते हैं कुकीज़ क्या होती है और कैसे काम करती हैं?

कुकीज़ क्या होती है?

कुकीज़ एक तरह की टेक्स्ट फाइल होती हैं, जिनमें डाटा के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं, जो किसी कम्प्यूटर पर उपयोगकर्ता इंटरनेट ब्राउज़िंग इतिहास आदि को सेव करती हैं। इनका उपयोग कंप्यूटर और कंप्यूटर के नेटवर्क को पहचान बनाए रखने के लिए किया जाता है। इनकी सहायता से उपयोगकर्ता की पहचान की जाती है और उसकी ब्राउज़र के व्यवहार को जानकर उसके रुचि से संबंधित डाटा का सुझाव उसे दिया जाता है ताकि उसका ब्राउज़िंग अनुभव बेहतर बने।

कुकीज़ माध्यम से जो डेटा संग्रह किया जाता है, वेब सर्वर पर उपयोगकर्ता के कनेक्शन के नाम पर होता है। यह डेटा कंप्यूटर के आईपी ऐड्रेस के साथ कनेक्ट होता है। जब कंप्यूटर और नेटवर्क सर्वर के बीच कुकीज़ का आदान प्रदान किया जाता है तो वह सर्वर कंप्यूटर की आईडी पढ़ लेता है और उसको पता चल जाता है कि संबंधित कंप्यूटर को कौन सी विशेष जानकारी प्रदान की जानी है। जब भी कोई यूजर कोई वेबसाइट को खोलता है, उसकी डिवाइस पर उसकी गतिविधि से संबंधित जानकारी कुकीज के माध्यम से सेव हो जाती है, जिसका उपयोग यूजर की ब्राउज़िंग संबंधी गतिविधि का पता लगाने के लिए किया जाता है।

कुकीज़ के माध्यम से ऑनलाइन एडवर्टाइज कंपनियों को बहुत सहायता प्राप्त होती है, इससे क्योंकि वह इससे उपयोगकर्ता की रूचि और उसकी ब्राउज़िंग गतिविधि का पता लगा लेती है कि उपयोगकर्ता क्या सर्च कर रहा है और फिर भविष्य में यूजर उसी वेबसाइट पर दोबारा आता है अथवा किसी अन्य वेबसाइट पर जाता है तो एडवर्टाइज कंपनी उसकी रुचि और सर्च से संबंधित एड दिखाने लगती है।

कुकीज़ का उपयोग करना आजकल सभी ब्राउज़र के लिए उपयोगी जरूरी हो गया है, क्योंकि इसके माध्यम से उनके ब्राउज़र की परफॉर्मेंस को बढ़ाते हैं। वह यूजर के अनुभव को और अधिक बेहतर बनाते हैं। जो ब्राउज़र जितना अधिक लोकप्रिय है, उसके द्वारा कुकीज का इस्तेमाल करना उतना ही अधिक संभव है और आजकल लगभग सभी वेबसाइट कुकीज़ का इस्तेमाल करती हैं। कुकीज के कई प्रकार होते हैं..

सेशन कुकीज़

यह कुकीज केवल वेबसाइट पर नेविगेट करते समय बनती हैं और यह केवल रेंडम एक्सेस मेमोरी में ही सेव होती हैं। यह कुकीज़ हार्ड ड्राइव पर सेव नहीं होती है। जब सेशन (सत्र) समाप्त हो जाता है तो यह कुकीज़ अपने आप हट जाती हैं।

प्रेसिस्टेंस कुकीज़

यह कुकीज़ कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव पर अनिश्चितकाल के लिए सेव रहती हैं, कुछ कुकीज़ की समापन तिथि भी होती है, जिसके आने पर यह कुकी अपने आप ही वहां से हट जाती हैं। ट्रैंकिग कुकीज़ दो तरह के उद्देश्यों के लिए प्रयोग की जाती है।

प्रमाणीकरण हेतु :

इसके माध्यम से यह ट्रैक करती है कि उपयोगकर्ता लॉगिन है अथवा नहीं और किस नाम से लॉगिन है। इनक कुकीज़ का कार्य लॉगइन की जानकारी को सुव्यवस्थित करना तथा उपयोगकर्ता के साइट पासवर्ड आदि को सेव करना होता है।

ट्रैकिंग हेतु :

ये कुकीज़ यूजर के अलग-अलग साइटों पर विजिट के इतिहास को संग्रह करती रहती हैं और उसी के अनुसार सुझाव प्रस्तुत करती हैं। इनका कार्य यूजर के ब्राउज़िंग गतिविधि पर नजर रखना और उसे भविष्य के सुझाव के लिए सेव करना होता है।

प्रथम पक्ष यानी फर्स्ट पार्टी कुकीज़

ये कुकीज़ वह कुकीज़ होती हैं, जो उसी वेबसाइट द्वारा संग्रहित की जाती है जिस पर यूजर विजिट कर रहा है। यदि वेबसाइट विश्वसनीय है तो यूज़र के लिए किसी तरह की कोई हानि नहीं है। यह वेबसाइट के ऑनर को डाटा एकत्रित करने तथा कई अन्य उपयोगी कार्य करने के लिए मदद करती है और उपयोगकर्ता को भी अच्छा अनुभाव प्राप्त होता है।

द्वितीय पक्ष यानी सेकंड पार्टी कुकीज़

ये कुकीज़ वह कुकीज़ होती है, जिन्हें एक कंपनी जिसने फर्स्ट पार्टी कुकीज़ सेव की हैं वह किसी दूसरी कंपनी को डाटा पार्टनरशिप के जरिए ट्रांसफर कर देती है। यानि एक फर्स्ट पार्टी कुकीज़ बनाने वाली कंपनी वो कुकीज़ किसी पार्टी को से साझा कर ले। वह द्वितीय पक्ष यानि सेकंड पार्टी कुकीज़ कहलाती है।

तृतीय पक्ष यानि थर्ड पार्टी कुकीज़

वो कुकीज़ होती है, जो यूजर जिस साइट पर विजिट कर रहा हैं, उसके द्वारा सेव करने के अलावा अन्य किसी तीसरे पक्ष द्वारा भी सेव कर ली जाती हैं। यह तृतीय पक्ष कोई ऑनलाइन विज्ञापन एजेंसी हो सकती है, अथवा अन्य को तीसरा पक्ष हो सकता है। जो यूजर की गतिविधि को ट्रैक करने का कार्य करती है।

कुकीज़ के लाभ है या हानि?

कुकीज आमतौर पर लाभदायक और हानिकारक दोनों तरह होती हैं। कुकीज़ कोई विशेष हानि तो नहीं पहुंचाती लेकिन कुछ कुकीज यूज़र की निजी गोपनीयता के लिए खतरा होती हैं। वास्तव में कुकीज़ का कार्य यूज़र की गतिविधि को जानकर उसके अनुसार उसके लिए ब्राउज़र संबंधी सुझाव. ऐड आदि का सुझाव देना होता है, लेकिन कभी-कभी कुकीज़ के माध्यम से हैकर यूज़ह को कोई नुकसान पहुंचाने का कार्य कर सकते हैं।

अक्सर थर्ड पार्टी कुकीज़ खतरे का विषय हो सकती हैं। ऐसी कुकीज़ हानिकारक हो सकती है और यूजर की गतिविधि हो चुराकर हैकर तक पहुँचा सकती है, जिसमें यूज़र द्वारा किसी वेबसाइट पर डाली गई निजी एवं विश्वसनीय जानकारी भी हो सकती है। इसीलिए थर्ड पार्टी कुकीज़ के मामले में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। थर्ड पार्टी कुकीज़ से सावधान रहें।

थर्ड पार्टी कुकीज़ को रोकने के लिए अपने ब्राउज़र की सेटिंग पर जाकर ब्लॉक कुकीज़ को इनेबल करना होता है, जिससे आपका संबंधित ब्राउज़र हर तरह की वेबसाइट पर किसी भी तरह कुकीज़ को रोकेगा।

उसके अलावा यूज़र अगर किसी वेबसाइट उसे कुकीज़ को स्वीकार करने के विषय में विषय में पूछा जाता है, तब यूजर अपने विवेक के अनुसार कि हाँ या ना की अनुमति दे सकता है और कुकीज़ को रोक सकता है। एडब्लॉक एक्सटेंशन के माध्यम से भी अवांछित को कुकीज़ ब्लॉक किया जा सकता है।

Topic: कुकीज़-cookies-क्या-हैं?

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