भारत में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व हैं, जिनका जश्न पूरे देश में मनाया जाता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों में क्या अंतर है? (Independence day Vs Republic day) आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर )Independence day Vs Republic day)
दोनो महत्वपूर्ण दिनों में क्या अंतर है, जानें…
झंडा फहराने की प्रक्रिया का अंतर
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराते हैं। इस दिन, ध्वज को नीचे से खींचकर फहराया जाता है, जो 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना का प्रतीक है। इसे संविधान में ध्वजारोहण कहा जाता है।
वहीं, गणतंत्र दिवस पर, 26 जनवरी को, राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। इस दिन, झंडा पहले से ही सबसे ऊपर बंधा होता है और उसे खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना कहा जाता है।
कौन करता है ध्वजारोहण और क्यों
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं क्योंकि इस दिन भारत को आज़ादी मिली थी, लेकिन संविधान लागू नहीं हुआ था।
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं, क्योंकि इस दिन संविधान लागू होने की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं, इसलिए वे राष्ट्र को संबोधित करते हुए झंडा फहराते हैं।
जश्न का आयोजन
स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली के ऐतिहासिक लालकिले में आयोजित किया जाता है, जहां प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की शान और सांस्कृतिक झलक देखने को मिलती है।
इन दोनों पर्वों का अपना अलग महत्व है, जो हमारे देश की समृद्धि, स्वतंत्रता और संविधान की महत्ता को दर्शाते हैं।
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