Madhuri Dixit Juhi Chawla Rivalry Story – 90 के दशक की सुपरस्टार्स अभिनेत्रियों की आपसी होड़ का किस्सा
जूही चावला और माधुरी दीक्षित 90 के दशक की दो प्रमुख अभिनेत्रियाँ रही हैं, जिन्होंने बॉलीवुड को कई शानदार फिल्में और यादगार किरदार दिए। इनके स्टारडम का आलम यह था कि दोनों ही कोई भी फिल्म करने से पहले यह सुनिश्चित करती थीं कि उन्हें प्रमुख भूमिकाएं मिलें। दोनों उस समय केवल लीड रोल को ही प्राथमिकता देती थीं। उन्हें किसी भी कीमत पर साइड रोल करना मंजूर नही था। ये बात और है कि दोनों अपनी शुरुआती फिल्मे सपोर्टिंग रोल के तौर पर हीं की थीं। एक ऐसा ही दिलचस्प किस्सा है जब जूही चावला ने दिल तो पागल है फिल्म इसी प्रतिद्वंदिता के कारण छोड़ दी थी।
90 का दशक दोनों अभिनेत्रियों के स्टारडम का युग
जूही चावला और माधुरी दीक्षित ने अपने करियर की शुरुआत लगभग एक ही समय में की थी। माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म अबोध 1984 में ही आई थी जो राजश्री प्रोडक्शन हाउस में बनी थी तो जूही चावला की पहली फिल्म सल्तनत थी जिसमें वह धर्मेंद, सनी देओल, श्रीदेवी जैसे कलाकारों के साथ काम तो कर रहीं थी। उसमें वह करण कपूर की हीरोइन बनीं थीं। करण कपूर फिल्म अभिनेता शशि कपूर के बेटे थे।
दोनों की शुरुआती फिल्में भले ही नहीं चली लेकिन 1988 में दोनों की एक साथ सफलता मिली। 1988 में अप्रेल में जूही चावला की आमिर खान के साथ कयामत से कयामत रिलीज जिसने उन्हें रातो रात सुपरस्टार बना दिया। 1988 में ही नवंबर में माधुरी दीक्षित की अनिल कपूर के साथ तेजाब रिलीज हुई जिसने माधुरी दीक्षित को लोकप्रियता की बुलंदियों पर पहुँचा दिया था।
दोनों ही बहुत जल्दी सुपरस्टार बन गईं। अब समय उनका था इसके साथ ही दोनों में प्रतिद्वंदिता भी होने लगी। इसी कारण अपने स्टारडम के दौर में दोनों ने कोई भी फिल्म साथ नहीं की।
जूही चावला ने यशराज बैनर के साथ कई सफल फिल्में कीं थीं। जब यशराज फिल्म्स ने ‘दिल तो पागल है’ की घोषणा की, तो उन्होंने माधुरी दीक्षित को मुख्य भूमिका के लिए चुना और जूही चावला को सपोर्टिंग रोल ‘निशा’ के लिए चुना। लेकिन जूही चावला ने माधुरी के साथ साइड रोल करने से इनकार कर दिया। ये रोल बाद में करिश्मा कपूर के हिस्से आया।
जब ‘दिल तो पागल है’ रिलीज हुई, तो यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई। फिल्म में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और करिश्मा कपूर की त्रिकोणीय प्रेम कहानी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। इस फिल्म के गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
वर्षों बाद, जूही चावला ने एक इंटरव्यू में इस फिल्म को ठुकराने की वजह बताई। उन्होंने स्वीकार किया कि उस समय उन्हें अपने ईगो की समस्या हो गई थी। वह माधुरी दीक्षित से प्रतिद्वंदिता कर रही थीं और उनके सामने कमतर नहीं पढ़ना चाहती थीं। इसी कारण उन्हें वह फिल्म करने में कोई रूचि नहीं दिखाई जिसमें वह माधुरी दीक्षित के सामने सपोर्टिंग एक्टर लगें। इसी कारण उन्होने ये फिल्म करने से मना कर दिया। उन्हें ये पता था कि वह एक बड़े बैनर की फिल्म को ठुकरा रहीं हैं जिसने उन्हे डर जैसी सुपरहिट फिल्म दी थी।
करिश्मा कपूर को मिली नई पहचान
जो रोल जूही चावला ने ठुकराया था वह करिश्मा कपूर के हिस्से आया था। करिश्मा कपूर फिल्मों में तो आ चुकी थीं लेकिन जब उन्होंने ये फिल्म साइन की थी तब तक उनकी कोई बड़ी सुपर हिट फिल्म नहीं आई थी। लेकिन दिल तो पागल रिलीज होने से पहले ही 1996 में उनकी राजा हिंदुस्तानी उस साल की सुपरहिट फिल्म साबित हुई और उनका भी काफी नाम हो चुका था।
‘दिल तो पागल है’ फिल्म में उनके रोल ने भी उनको एक अलग पहचान थी। इस फिल्म को कुल 11 फिल्मफेयर नामांकन मिले थे और इसने 7 श्रेणियों में पुरस्कार जीते थे। करिश्मा कपूर को इस फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला।
जूही चावला और माधुरी दीक्षित की आपसी होड़ का ये दौर उनके पूरे स्टारडम में जारी रहा। दोनों साथ मे कोई फिल्म नहीं की। जब दोनों के स्टारडम का दौर खत्म हो गया तो अंततः जूही चावला और माधुरी दीक्षित ने 2014 में ‘गुलाब गैंग’ फिल्म में एक साथ काम किया और उनके बीच की नाराजगी भी खत्म हो गई। अब ये दोनों एक-दूसरे की अच्छी दोस्त हैं।
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