बहुत से लोगों के मन में क्रिकेट के अलग-अलग नियमों के बारे में जिज्ञासा रहती है। आइए क्रिकेट में कोई भी बैटर कितने तरीकों से आउट हो सकता है (know 11 ways to get a batter out in cricket) इसके बारे में जानते हैं। |
क्रिकेट में बैटर के आउट होने के 11 नियम… (11 ways to get a batter out in cricket)
1st तरीका
बोल्ड आउट (Bold out)
क्रिकेट में बोल्ड आउट होने का यह सबसे सामान्य तरीका है। इसमें जब बॉलर द्वारा फेंकी गई गेंद बैटर के बल्ले पर ना लग कर सीधे स्टंप पर लगती है और स्टम्स की गिल्लियां बिखर जाती हैं, तो बैटर को बोल्ड आउट माना जाता है। बोल्ड आउट होने के तरीका किसी बैटर के आउट होने का सबसे स्पष्ट तरीका है। इसमें फील्ड अंपायर या थर्ड अंपायर की भी आवश्यकता नही पड़ती।
2nd तरीका
कैच आउट (Catch Out)
यह भी क्रिकेट में आउट होने का एक सामान्य तरीका है। इस तरीके में जब बैटर गेंद को खेलता है तो गेंद बल्ले से लगकर हवा में उड़ जाती है और मैदान मे खड़े किसी भी फील्डर द्वारा कैच कर ली जाती है, तो उसे कैच आउट माना जाता है। कैच आउट होने की शर्त यह है कि गेंद बल्ले से लगकर जमीन पर टच नहीं हुई हो और बल्ले से लगकर सीधे फील्डर के हाथ में जाए।
वह फील्डर मैदान की बाउंड्री लाइन के भीतर होना चाहिए। गेंद को कैच करते समय फील्डर के शरीर का कोई भी हिस्सा बाउंड्री लाइन को छूना नही चाहिए। गेंद को कैच करने वाला फील्डर मैदान के चारों तरफ खड़े 9 फील्डर हो सकता है अथवा बॉल फेंकने वाला बॉलर भी हो सकता है अथवा विकेट के पीछे खड़ा विकेट कीपर भी हो सकता है।
यदि बॉलर द्वारा फेंकी गई ऐसी गेंद पर कोई फील्डर कैच कर लेता है जो कि अंपायर द्वारा नो-बॉल घोषित कर दी गई हो तो वह बैटर आउट नही माना जाएगा।
3rd तरीका
स्टम्प्स आउट (Stumps out)
यह किसी बैटर के आउट होने का तीसरा सामान्य तरीका का है। इस तरीके में जब बैटर बॉलर द्वारा फेंकी गई गेंद को बैठकर खेलने का प्रयास करता है और वह गेंद को खेलने के प्रयास में अपनी क्रीज से बाहर निकल जाता है और विकेट के पीछे पड़ा विकेट कीपर बॉल से स्टम्प्स की गिल्लियां बिखेर दें तो वह और बैटर क्रीज के बाहर हो तो उस बैटर को आउट माना जाता है।
जब तक बॉलर गेंद को फेंकता है और बैटर गेंद को खेलता है तो ये किसी ओवर की एक बॉल का पूरा प्रोसेस होता है। इस प्रोसेस के पूरा होने तक बैटर क्रीज से बाहर नही होना चाहिए।
4rh तरीका
एलबीडब्ल्यू – लेग बिफोर विकेट (LBW – Leg Before Wicket)
यह किसी बेटर के आउट होने का चौथा सामान्य तरीका है। इसमें जब कोई बॉलर गेंद फेंकता है और बैटर उस गेंद को खेलने का प्रयास करता है, तो यदि वह बॉल को खेलने से चूक जाता है, लेकिन गोल उसके पैड से टकराती है और यदि बॉल की लाइन और पीछे के स्टम्प्स की लाइन एक ही सीध में हों तो उस बैटर को आउट घोषित कर दिया जाता है।
क्योंकि यदि बैटर वह गेंद अपने पैड से नहीं रोकता या उसके पैड से टकराकर गेंद नहीं रुकती तो सीधे स्टंप पर जा लगती और बैटर बोल्ड हो जाता, लेकिन क्योंकि बैटर ने बॉल बैट से खेले बिना पैड से रोका या उसके पैड से टकराक बॉल रुक गई, इसीलिए उस बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू आउट दिया जाता है।
एलबीडब्ल्यू आउट के लिए बॉलर द्वारा फेंकी गई गेंद स्टम्प्स की सीध मे होनी चाहिए। तब ही बॉलर एलबीडब्ल्यू की अपील कर सकता है। एलबीडब्ल्यू आउट करने का तरीका अक्सर अंपायर के विवेक पर होता है। कभी-कभी अंपायर इस मामले में चूककर जाते हैं और गलत एलबीडब्ल्यू आउट दे देते हैं।
ऐसी स्थिति में थर्ड अंपायर का सहारा लेना पड़ता है जो तकनीक द्वारा वीडियो रीप्ले में गेंद की सही लाइन देखता है कि वास्तव में गेंद बैटर ने बल्ले से नहीं खेली और वह उसके पैड से टकराकर रोकी गई तथा गेंद की लाइन स्टम्स की लाइन की सीध में थी।
5th तरीका
रन आउट (Run out)
किसी भी बटन के आउट होने का पांचवा तरीका है। इसमें और किए जाने पर बैटर का विकेट किसी भी बॉलर को नहीं मिलता बल्कि इसे रन आउट माना जाता है। कोई भी बल्लेबाज रन आउट तब होता है, जब जब वह बॉलर द्वारा फेंकी की गई गेंद को खेल कर दौड़ कर रन लेने का प्रयास करता है और अगले छोर पर पहुंचने से पहले ही फील्डर द्वारा गेंद को स्टंप्स से टकराकर उसकी गिल्लियां बिखेर दी जाती हैं।
यदि रन के लिए दौड़ने वाला बैटर गिल्लियां गिरने से पहले क्रीज तक नहीं पहुंच पाया है तो उसे रन आउट मान लिया जाता है। रन आउट स्थिति में आउट होने का क्रेडिट बॉलर को नहीं मिलता बल्कि जिस फील्डर ने बॉल थ्रो की और जिसने बॉल को टकराकर स्टम्प्स की गिल्लियां बिखेरीं उनका नाम रन आउट करने वालों में शामिल होता है।
6th तरीका
हिट विकेट (Hit Wicket)
इस तरीके में जब कोई बैटर बॉलर द्वारा फेंकी गई गेंद को खेलने का प्रयास करता है तो गेंद को खेलने के प्रयास में वह पीछे की ओर चला जाता है और गलती से उसके पैर अथवा हाथ से टच होकर स्टम्स की गिल्लियां गिर जाती हैं, तो बैटर को हिट विकेट मानकर आउट दे दिया जाता है।
यानी उसने अपनी गलती से ही स्टम्प्स की गिल्लियां गिरा दीं। आमतौर पर बैटर गेंद के खेलने के प्रयास में पीछे जाकर गलती से अपने पैर से स्टम्प्स को टच कर देता है और स्टम्प्स की गिल्लियां गिर जाती हैं। इसलिए उसे हिट विकेट मान लिया जाता है। इस तरह के हिट विकेट आउट में हाथ से स्टम्प्स को टच करने के मामले कम ही होते हैं।
7th तरीका
डबल हिट बॉल या हिट द बॉल ट्वाइस (Double hit or Hit the ball twice)
इस तरीके में जब कोई बैटर बॉल को खेलने का प्रयास करता है और वह बॉल को खेल कर दोबारा से उसी बॉल को हिट करता है यानी बॉल को दो बार बल्ले से हिट कर दे तो उसे डबल हिट या हिट द बॉल ट्वाइस के अन्तर्गत आउट दे दिया जाता है।
8th तरीका
ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्डिंग (Obstructing the field)
जब कोई बैटर किसी फील्डर के द्वारा उस या उसके साथी बैटर को रन आउट करने के प्रयास को रोकता है अथवा किसी फील्डर द्वारा किसी बॉल को कैच करने के प्रयास को रोकता है तो उस बैटर को ‘ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड’ मानकर आउट दे दिया जाता है। ऐसा कोई बैटर जानबूझकर या अनजाने में कर सकता है।
जब बैटर कोई बॉल खेलता है और वह रन लेने के लिए आगे दौड़ता है। उसकी नॉल स्ट्राइकर छोर वाला बैटर भी रन लेने को दौड़ता है। तब फील्डर दोनों बैटर में किसी बैटर को रन आउट करने के लिए गेंद को स्टम्प्स पर हिट करने का प्रयास कर रहा है और बैटर उस स्टम्प्स में बाधा उत्पन्न करे या तो जानबूझकर गेंद और स्टम्प्स के बीच में आ जाए जिससे गेंद स्टम्प्स पर नही लग पाए तो उस बैटर को ‘ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड’ मानकर आउट दे दिया जाता है।
अथवा जब बैटर कोई शॉट हवा में खेल बैठा हो और फील्डर द्वारा उसे कैच करने का प्रयास किया जा रहा हो और बैटर फील्डर को कैच करने में बाधा उत्पन्न करें। या तो बैटर जानबूझकर फील्डर से टकरा जाए या अनजाने में उससे टकरा जाए, जिससे वो फील्डर उस बॉल को कैच नही कर पाए तो बैटर को ‘ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड’ मानकर आउट दे दिया जाता है।
9th तरीका
टाइम आउट (Time out)
किसी भी बैटर के आउट होने के बाद अगले बैटर के मैदान में आने का एक निश्चित टाइम होता है। उस टाइम के अंदर अगले बैटर को मैदान में आना होता है। यह टाइम 3 मिनट का होता है। यदि बैटर के आउट होने के बाद 3 मिनट के अंदर नया बैटर मैदान में नहीं आता है तो जो भी बैटर मैदान में आने वाला है, उसे आउट दे दिया जाता है और वह बैटर बिना कोई गेंद खेले आउट मान लिया जाता है। ऐसी स्थिति में उसके बाद जो बैटर आने वाला है, वह ही आएगा।
10th तरीका
हैंडल्ड दा बॉल (Handled the ball)
जब कोई मैटर गेंद को खेलते समय विरोधी टीम की अनुमति के बिना गेंद को अपने हाथ से छू लेता है अथवा अपने हाथ से रोकने का प्रयास करता है, तो उसे ‘हैडल्ड द बॉल’ मानकर आउट दे दिया जाता है। कोई भी बॉलर गेंद को फेंकता है और उसके बाद बैटर उसे खेलता है, ये किसी ओवर की एक गेंद का प्रोसेस होता है।
इस समय में कोई भी बैटर बॉल को अपने हाथ से छू नहीं सकता, जब तक कि बैटर उस बॉल पर शॉट न खेल ले। इस दौरान वह बॉल के हाथ से छू नही सकता न ही हाथ से रोक सकता है। बॉल पर शॉट पूरा होने के बाद जब रन का प्रोसेस पूरा हो गया है और बॉल बैटर के पास जमीन पड़ी है तो तब वह चाहे तो बॉल को उठाकर बॉलर या फील्डर को दे सकता है। यानि शॉट पूरा होने से पहले और शॉट के दौरान वह बॉल को हाथ से छू नही सकता। शॉट पूरा होने के बाद वह छू सकता है।
11th तरीका
मांकडिंग आउट (Mankading out)
जब कोई बॉलर गेंद को फेंकने जा रहा गो और नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़ा बैटर बॉलर के बॉल फेंकने से पहले ही अपनी क्रीज से बाहर निकल आया हो तो ऐसी स्थिति में बॉलर चाहे तो बॉल को स्टम्प्स से टकराकर नॉन स्ट्राइकर एंड वाले बैटर को आउट कर सकता है। इस तरह आउट हुए तरीके को मांकडिंग आउट कहते हैं।
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