Tuesday, October 22, 2024

प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर लक्षद्वीप को जानिए और वहाँ पर घूमकर आइए। लक्षद्वीप कैसे जाएं? पूरी टूरिस्ट गाइड जानिए।

लक्षद्वीप भारत का एक केंद्र शासित आईलैंड है, जहाँ पर बेहद खूबसूरत समुद्री बीच हैं। हिंदी महासागर में स्थित इस सुंदर भारतीय द्वीप समूह (Lakshadweep complete guide) को जानते हैं…

छोटे से भारतीय द्वीप लक्षद्वीप को जानें, कैसे जाएं लक्षद्वीप (Lakshadweep complete guide)

लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिम तट के पास बैठा हुआ भारत का एक खूबसूरत आइलैंड है, जो अरब सागर में स्थित है। यह छोटे-छोटे द्वीपों का एक समूह है।

आजकल का लक्षद्वीप का नाम काफी सुनने को मिल रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप विजिट के बाद से लक्षद्वीप का नाम काफी चर्चा में आया था। उसके बाद मालद्वीप के बीच में कूदने से लक्षद्वीप और अधिक चर्चा में आ गया।

भारत के लोग अभी तक लक्षद्वीप को भारत के एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में हीजानते थे, लेकिन यह एक खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बन सकता है, यह अब लोगों को पता चल रहा है और इसकी तुलना मालदीव्स से ही की जा रही है।

लक्षद्वीप और मालदीव में मुख्य अंतर यही है कि मालदीव एक छोटा सा द्वीपीय देश है, जो लक्षद्वीप की तरह ही बीच समुद्र में स्थित है और छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है। जबकि लक्षद्वीप भारत का एक द्वीपीय प्रदेश है, जो मालदीव के जैसी ही प्राकृतिक सुंदरता रखता है और ये भी अनेक छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है।

 

लक्षद्वीप कहाँ पर स्थित है और लक्षद्वीप की भौगोलिक संरचना और इतिहास क्या है?

लक्षद्वीप भारत के उत्तरी-पश्चिमी दिशा में स्थित छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है। यह अरब सागर में स्थित है। भारत की मुख्य भूमि से इसकी दूरी लगभग 400 किलोमीटर है। लक्षद्वीप से भारत की मुख्य भूमि का सबसे नजदीक शहर केरल का कोच्चि पड़ता है। केरल के कोच्चि शहर से लक्षद्वीप की दूरी लगभग 400 किलोमीटर है।

लक्षद्वीप को पहले ‘लक्कादीव-मिनिकॉय-अमिनीदिवि द्वीप’ के नाम से भी जाना जाता था। भारत सरकार की लक्षद्वीप की वेबसाइट के अनुसार लक्षद्वीप का क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है। इस द्वीप समूह में कुल 36 द्वीप छोटे-बड़े द्वीप हैं। इनमें से केवल 10 द्वीपों पर ही मानव आबादी बसती है। 17 द्वीप निर्जन हैं. यानि वहाँ पर कोई नही रहता है। चार द्वीप नए-नए बने आइलेट है और 5 जलमग्न रीफ हैं।

जिन द्वीपों पर मानव आबादी बसती है, उनमें कवारत्ती, अगात्ती, अमिनी, कदमत, किलातन, चेतलाट, बिट्र्रा, आन्दोट, कल्पनी और मिनिकॉय हैं। कवरत्ती लक्षद्वीप की राजधानी है। यहाँ पर आबादी भी सबसे अधिक है तो बिटररा द्वीप पर आबादी सबसे कम है।

लक्षद्वीप की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 64000 है। यहाँ की 95% आबादी इस्लाम धर्म को फॉलो करती है। मिनिकॉय द्वीप को छोड़कर सभी द्वीपों रहने वाली आबादी मलयालम भाषा बोलती है। इसका मुख्य कारण भारतीय केरल यहाँ से सबसे अधिक निकट है। मिनिकॉय द्वीप पर माही या माह्ल भाषा बोली जाती है।

लक्षद्वीप का इतिहास

लक्षद्वीप के इतिहास की बात की जाए तो यहाँ पर भले ही अभी इस्लाम धर्म के अनुयाई सबसे अधिक रहती हो, लेकिन इससे पहले यहां पर हिंदू तथा बौद्ध धर्म का प्रभाव क्षेत्र था और यहां की अधिकतर जनसंख्या हिंदू और बौद्ध धर्म को का पालन करती थी। इस द्वीप समूह पर राजा चेरामल पेरुणल का शासन था। हिंदू राजा चेरामन पेरूमल का शासन था। सातवीं शताब्दी के बाद यहां पर परिवर्तन हुआ और धीरे-धीरे इस्लाम धर्म ने यहाँ पर पांव पसारने शुरू कर दिए।

9वीं शताब्दी में यहां पर इस्लाम धर्म का अभ्युदय हुआ और धीरे-धीरे यहां पर इस्लाम धर्म के पालन करने वाले अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी। बाद में अंग्रेजों के भारत आगमन पर कुछ समय तक लक्षद्वीप पर टीपू सुल्तान का भी शासन रहा। बाद में अंग्रेजों के भारत आगमन के बाद यहां पर अंग्रेजों ने अपना अधिकार स्थापित कर लिया था।

अगर लक्षद्वीप घूमने जाना हो तो कैसे जाएं?

लक्षद्वीप में पर्यटन उद्योग अभी विकास की अवस्था में है और भारत सरकार द्वारा यहां पर पर्यटन को विकसित करने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। इसे भारत का नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं।

लक्षद्वीप एक प्रतिबंधित द्वीप है। यहाँ पर पहुँचने के बाद अपनी ऑफिशियल एंट्री दर्ज करानी होती है। लक्षद्वीप के सभी द्वीप पर जाने की अनुमति नही है, अगर जाना भी हो तो भी सरकार की परमीशन लेनी होती है।

फिलहाल भारत से लक्षद्वीप जाने के लिए बहुत अधिक सुविधा नहीं है। भारत की राजधानी दिल्ली से अधिक लक्षद्वीप जाना हो तो ना तो सीधे कोई फ्लाइट है और ना ही कोई ट्रेन है, क्योंकि ट्रेन तो होने का सवाल ही नहीं होता क्योंकि लक्षद्वीप समुद्र में स्थित है।

अगर लक्षद्वीप जाना हो तो सबसे पहले केरल के एर्नाकुलम साउथ रेलवे स्टेशन जाना होगा। वहां से समुद्री मार्ग के द्वारा अथवा फ्लाइट के द्वारा लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है। एर्नाकुलम कोच्चि शहर का ही सेंट्रल प्वाइंट है।

दिल्ली से एर्नाकुलम के लिए कई ट्रेनें हैं। एर्नाकुलम से लक्षद्वीप जाने के लिए समुद्री मार्ग से जाना हो तो भारतीय नौवहन निगम द्वारा कोच्चि से कई तरह की फेरी सेवाएं चलाई जाती हैं। समुद्र मार्ग द्वारा कोच्चि से लक्षद्वीप पहुंचने का 12 से 20 घंटे तक लग जाता है।

यदि वायु मार्ग से जाना हो तो कोच्चि एयरपोर्ट से लक्षद्वीप के अगात्ती द्वीप पर अगात्ती हवाई अड्डे तक के लिए फ्लाइट मिल जाएगी। जहाँ से डेढ़ घंटे में वायु मार्ग द्वारा लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है। फिलहाल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई अथवा भारत के किसी भी मुख्य शहर से सीधे लक्षद्वीप के किसी भी द्वीप के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है।

कुछ कंपनियां सीधी फ्लाइट की सेवा उपलब्ध करा भी रही है तो भी वह फ्लाइट अलग-अलग दो-तीन जगह पर रुक कर जाती है जिससे काफी अधिक समय लगता है और किराया भी काफी मंहगा होता है। बेहतर यही होगा कि दिल्ली से या भारत के किसी शहर से कोच्चि एयरपोर्ट तक फ्लाइट पकड़ी जाए और वहाँ से लक्षद्वीप के लिए आसानी से जाया जा सकता है।

यदि आप बिना किसी पैकेज के सीधे लक्षद्वीप जा रहे हैं तो आपको पहले जाने का परमिट लेना होगा इसके लिए आपको कोच्चि में लक्षद्वीप सेंटर मे विजिट करके परमिट लेना होगा। उसके बाद ही आपको लक्षद्वीप जाने को मिलेगा।

कोई पैकेज लेने पर आपको ये सब मशक्कत नही करनी पड़ेगी और आपका पैकेज आपरेटर ये सब काम करके देगा।

लक्षद्वीप तक जाने का किराया कितना होगा?

अगर आप फ्लाइट द्वारा कोच्चि से अगात्ती आईलैंड तक जाते हैं तो आपको 4 से 5 हजार का किराया देना होगा। जो सीजन और समय के अनुसार कम ज्यादा हो सकता है।

अगर आपक सरकार द्वारा आयोजित ‘समुद्रम’ पैकेज को लेकर जाते हैं, तो आपको 4 दिन 5 रात का लगभग ₹36000 (डायमंड क्लास) और 28000 (गोल्ड क्लास) पड़ेगा। ये पैकेज आपको सबसे किफायती पडेगा। इस पैकेज में आपको लक्षद्वीप के तीन आईलैंड मिनिकॉय, कदमत और कल्पेनी आईलैंड घूमने को मिलते हैं। पूरे पैकेज लंच, डिनर, ट्रांसपोर्टेशन शामिल होता है। शिप ही आपको कोच्चि से पहले मिनिकॉय लेकर जाएगा, फिर कदमत और कल्पेनी आईलैंड की सैर कराई जाएगी।

इस पैकेज में शिप द्वारा अलग-अलग आईलैड पर सैर कराई जाएगी और रात में वापस शिप आना होगा। फिर शिप अगले आईलैड को निकल पडेगा। कुछ वाकर स्पोर्ट्स पैकेज मे शामिल हैं तो कुछ वाटर एडवेंचर के लिए आपको अलग से पैसे देने होंगे।

शिप पर या आईलैड पर लंच और डिनर का अरेंजमेंट पैकेज की तरफ से ही किया जाएगा।

समुद्र पैकेज या तो आप किसी ट्रैवल एजेंट के द्वारा बुक कर सकते है अथवा सीधे गवर्नमेट की वेबसाइट पर बुक कर सकते हैं। वेबसाइट का लिंक नीचे दिया है…

https://samudram.utl.gov.in/sprt_BookingList.aspx

लक्षद्वीप कब जाएं

लक्षद्वीप में घूमने का सबसे उचित समय अक्टूबर से अप्रैल के बीच का माना जाता है क्योंकि इस समय यहाँ पर बहुत अधिक तापमान नहीं होता और यहां का तापमान 30 डिग्री के आसपास रहता है तब ना तो बहुत अधिक गर्मी होती है और ना ही ठंड होती है। अप्रैल के बाद यहां पर बहुत तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है और अधिक गर्मी पड़ती है।

लक्षद्वीप के लिए में घूमने की कौन सी जगह सबसे अधिक फेमस है

लक्षद्वीप में घूमने के लिए अगात्ती, कवरत्ती, मिनकॉय, कदमत, कल्पेनी और वारंगल द्वीप सबसे अधिक फेमस है, जहां पर अधिक बहुत से टूरिस्ट स्पॉट आपको घूमने के लिए मिल जाएंगे।

अगात्ती आइलैंड में लक्षद्वीप का एकमात्र हवाई अड्डा है। अगर आप हवाई यात्रा करके लक्षद्वीप पहुंच रहे हैं तो अगात्ती में सबसे पहले अपनी एंट्री करानी होगी और घूमने का परमिट लेना होगा। आपको लक्षद्वीप से अपने जाने का समय भी बताना होगा।

लक्षद्वीप में आपको खूबसूरत सफेद रेत के बीच और पूरे लक्षद्वीप के सबसे खूबसूरत लगूंस देखने को मिलेंगे। लक्षद्वीप के अगात्ती आईलैंड की दूरी कोच्चि से 400 किलोमीटर है। इसकी लंबाई लगभग 7 किलोमीटर है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 3.86 स्क्वायर किलोमीटर है।

अगात्ती के अलावा, मिनिकॉय, कवारत्ती, कल्पेनी, कदमत, बंगारल और कवरत्ती आईलैंड मे घूमने का मजा ले सकते है। आप लक्षद्वीप के किसी भी द्वीप घूमने को जाए तो वहाँ के सूर्यास्त को देखने का मौका मिस न करें। यहाँ के सभी द्वीपों पर सूर्यास्त देखना बेहद सुंदर होता है।

लक्षद्वीप में क्या-क्या एक्टिविटी फेमस है

लक्षद्वीप में आप वाटर से संबंधित कोई सी भी एक्टिविटी कर सकते हैं और अपने वेकेशन को इंजॉय कर सकते हैं। लक्षद्वीप में वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को अंजाम दे सकते हैं और लक्षद्वीप में इन एक्टिविटीज को करते हुए अपना समय हम बिता सकते हैं। इन एक्टिविटीज में कुछ प्रमुख एक्टिविटीज है जैसेकि कयाकिंग, कैनोइंग, पैडल बोटिंग, सेल बोटिंग, विंड सर्फिंग, स्नौर क्लिंग, स्कूबा डाइविंग जैसी वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज का आनंद ले सकते हैं।

खाने की वैरायटी

खाने के नजरिए से आपको लक्षद्वीप में दक्षिण भारत के फ्लेवर वाला खाना सीफूड और अधिकतर नॉनवेज फूड ही मिलेगा। यदि आप पूरे शाकाहारी हैं, तो भी आपको दक्षिण भारतीय शैली का शाकाहारी खाना मिल जाएगा। यदि आप किसी टूर पैकेज के द्वारा लक्षद्वीप जा रहे हैं तो आपका टूर पैकेज आपको शुद्ध शाकाहारी खाना उपलब्ध कराएगा। यदि आप भारत सरकार के समुद्रम पैकेज से जा रहें है तो आपकी च्वाइस के अनुसार दोनो तरह का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

क्या ध्यान रखें?

लक्षद्वीप में सूरज की सीधी किरणें पड़ती हैं, इसलिये सही क्वालिटी के सनग्लास लेकर जाएं। त्वचा के सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का भी प्रयोग करें।

शिप पर या किसी आईलैंड पर सी-सिकनेस जैसी कोई समस्या हो सकती है इसलिए जरूरी दवाईयां भी साथ रख लें।

लक्षद्वीप एक संवेदनशील और क्रेंद्रशासित प्रदेश होने के कारण यहाँ पर घूमने के लिए परमिट लेना आवश्यक है। इसलिये सरकार के नियमों का पालन करें। लक्षद्वीप पहुँचते ही अपनी एंट्री पुलिस स्टेशन में जरूर करा दें और परमिट भी ले लें।

यदि आप भारत सरकार के समुद्रम पैकेज पर जा रहे हैं या किसी भी टूर पैकेज पर जा रहे हैं तो आपको परमिट लेने की जरूरत नही। ये सारा काम आपका पैकेज आपरेटर करेगा।

अंत में…

यदि आप बिना किसी पैकेज के अकेले या अपने ग्रुप के साथ सीधे लक्षद्वीप जाना चाहते हैं और लक्षद्वीप के सारे आइलैंड को घूमना चाहते हैं तो आपका खर्चा बहुत अधिक हो सकता है क्योंकि हर आइलैंड एक दूसरे से बहुत दूरी पर स्थित है, और आपके लिए हर जगह के ट्रांसपोर्टेशन के लिए अलग-अलग चार्ज देने पड़ेंगे।

सामान्यतः लक्षद्वीप के चार से पांच आइलैंड को घूमने के लिए एक व्यक्ति का खर्चा 50 से 60-70 तक आ सकता है।
यदि आप किसी पैकेज के थ्रू जाते हैं तो आपको लक्षद्वीप के सारे आइलैंड घूमने को नहीं मिलेंगे और आपको तीन से चार आईलैंड ही घूमने को मिलेंगे। लेकिन यह पैकेज आपको किफायती पड़ेगा और इसमें आपको बहुत सारी असुविधाओं से से मुक्ति मिल जाएगी, क्योंकि अकेले सीधे लक्षद्वीप जाने पर आपको बहुत तरह की फॉर्मेलिटी करनी पड़ सकती हैं।

 

तो फिर लक्षद्वीप की भी सैर कीजिए और अपने सुंदर भारत की सुंदरता को परखिए।

लक्षद्वीप के बारे और अधिक जानने के लिए ये वीडियो भी देखें


 

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अल्मोड़ा में गोलू देवता का मंदिर जहाँ प्रार्थना नही शिकायत की जाती है।

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