अल्मोड़ा गोलू देवता का मंदिर जहाँ प्रार्थना नही शिकायत की जाती है। (Golu Devta Mandir)
मंदिर में हम सभी प्रार्थना के लिए जाते हैं। जब हम मंदिर जाते हैं तो भगवान से कुछ ना कुछ मांगते हैं अथवा अपने अच्छे जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं? हम भगवान के मंदिर में जाकर भगवान से के आगे गिड़गिड़ाते हैं, उनसे प्रार्थना करते हैं कि वह हमारी समस्याओं को सुलझा दें। सभी मंदिरों में भक्त अपनी कोई ना कोई इच्छा-कामना आदि लेकर पहुंचते हैं और चाहते हैं कि भगवान उनकी इच्छा कामना को पूरा करें, लेकिन क्या आपने कोई ऐसा मंदिर सुना है जहाँ पर जाने वाले भक्त भगवान से जाकर शिकायत करते हैं।
जी हाँ, एक ऐसा मंदिर भी है, जहाँ पर जाने वाले भक्तगण भगवान से प्रार्थना नहीं बल्कि उनसे शिकायत करते हैं। यह चिताई गाँव के गोलू देवता का मंदिर (Golu Devta Mandir) है। यह मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। यह एक ऐसा अनोखा मंदिर है। जहां पर भक्त अपनी शिकायतें लेकर पहुंचते हैं और देवता के चरणों में अपनी शिकायत को अर्पण करते हैं।
यह देवता गोलू देवता हैं। यहां पर मंदिर में आने वाले भक्त एक कागज पर अपनी शिकायत लिखकर मंदिर में वह कागज चढ़ा देते हैं और चढ़ावे के रूप में पैसा नहीं बल्कि घंटियां चढ़ाते हैं।
कहां है गोलू देवता का मंदिर
गोलू देवता का मंदिर अल्मोड़ा जिले के चिताई गांव में स्थित है। यह इस गांव उत्तराखंड अल्मोड़ा से 8 किलोमीटर की दूरी पर पिथौरागढ़ हाइवे पर स्थित है। ये काठगोदाम रेलवे स्टेशन से बेहद नजदीक है। मंदिर में हर समय शिकायत लेकर आने वाले लोगों का मेला लगा रहता है। मंदिर में अंदर सफेद घोड़े पर गोलू देवता की मूर्ति विराजमान है।
कौन हैं गोलू देवता ?
गोलू देवता को भगवान शिव (भैरव) के अवतार के रूप में जाना जाता है। यहां आसपास के लोगों की मान्यता है कि वह भगवान शिव के अवतार हैं और उनकी आसपास के पूरे क्षेत्र में पूजा की जाती है। उन्हें न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वह अपने भक्तों की शिकायत को सुनकर उसका न्याय करते हैं। इसीलिए सभी यहां पर आने वाले भक्त शिकायत लेकर आते हैं। गोलू देवता गोलू देवता को आसपास के गाँव में कुल देवता को रूप में भी पूजा जाता है। उत्तराखंड में गोलू देवता के कई मंदिर हैं, लेकिन चिताई गाँव का गोलू देवता का मंदिर सबसे अधिक प्रसिद्ध है।
चिताई गोलू देवता के मंदिर के नाम से विख्यात इस मंदिर में गोलू देवता के बारे में मान्यता है कि यहां पर जाकर अपनी शिकायत करने पर उसे शिकायत से संबंधित समस्या गोलू देवता के आशीर्वाद से सुलझ जाती है।
इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त आते है। केवल उत्तराखंड ही नही बल्कि भारत के कोने-कोने से और विदेशों से भी भक्त अपनी शिकायत लेकल यहाँ पहुँचते हैं।
यहां पर आने वाले भक्त दूर-दूर से वक्त लोग आते हैं और अपनी शिकायत एक कागज अथवा स्टांप पेपर पर लिखकर गोलू देवता के चरणों में चढ़ा देते हैं। बताते हैं कि गोलू देवता भक्तों की समस्याओं शिकायत को दूर कर देते हैं।
यहां पर चढ़ावे के रूप में पैसा या प्रसाद नही चढ़ाया जाता बल्कि चढ़ावे के रूप में भक्त लोग यहां पर घंटियां बांधते हैं। यही गोलू देवता के यहां चढ़ावा चढ़ाने की प्रथा है। इसलिए मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में घंटियां बंधी हुई दिख जाएंगी।
यहाँ पर जिसको अपनी समस्या शिकायत करनी है और उसका न्याय चाहिए उसे एक कागज पर अपनी शिकायत लिखकर लानी होती है। कुछ भक्त लोग तो स्टाम्प पेपर पर अपनी शिकायत लिखकर लाते हैं। अपनी शिकायत का कागज देवता के चरणो अर्पित कर देने पर शीघ्र ही उस पर न्याय होता है।
गोलू देवता के मंदिर कैसे जाएं
गुरु देवता का मंदिर अल्मोड़ा जिले के चिताई नामक गांव में स्थित है। चिताई गाँव अल्मोड़ा से 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ पर यदि ट्रेन से आना है तो काठगोदाम रेल्वे स्टेशन सबसे नजदीक है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर उतरकर वहां से नैनीताल जागर वहां नैनीताल से टैक्सी द्वारा आसानी से गोलू देवता के मंदिर पहुंचा जा सकता है।
यदि दिल्ली से जाना है तो दिल्ली से अल्मोड़ा के लिए सीधे बस मिलती है। आनंद विहार रेलवे स्टेशन से दिल्ली अल्मोड़ा के लिए सीधे बस मिलेगी वहां से चितई गांव तक टैक्सी से जाया जा सकता है, नहीं तो अल्मोड़ा से हल्द्वानी के लिए बस पड़कर हल्द्वानी से अल्मोड़ा के लिए बस ली जा सकती है और वहां से चितई गांव के लिए किसी सवारी के माध्यम से जाया जा सकता है।
यदि विशेष रूप से मंदिर के दर्शन करने जाना है तो 3 दिन का समय लग सकता है। इसीलिए 3 दिन का समय के अनुसार शेड्यूल बनाकर ही मंदिर के दर्शन करने के लिए जाएं। एक व्यक्ति का सामान्य खर्चा ₹5000 से ₹7000 तक आ सकता है।
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