‘इस जगत का रखवाला ईश्वर है।’- इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं? (अनुच्छेद लेखन)

अनुच्छेद

‘इस जगत का रखवाला ईश्वर है।’

 

‘इस जगत का रखवाला ईश्वर है।’ इस विचार से हम सहमत हैं। हमारे मानने का मुख्य कारण इसलिए है कि हमें अब तक कोई ना कोई ऐसा अनुभव होता रहता है कि इस जगह को संचालित करने वाली कोई अदृश्य शक्ति अवश्य है, जो हम सब को बांधे रखती है।

कोई भी कारण बिना अपने आप नहीं हो जाता। विज्ञान ने चाहे कितनी भी प्रगति कर ली हो लेकिन विज्ञान के सारे अविष्कार अपने आप नहीं हो गए। उनका किसी न किसी ने अविष्कार किया। किसी वैज्ञानिक के दिमाग में कोई विचार और जिज्ञासा ने जन्म लिया और उसने प्रयोग किए तथा एक अविष्कार को जन्म दिया। अर्थात किसी घटना के घटित होने की अविष्कार होने के पीछे किसी ना किसी का श्रम था, किसी ना किसी का योगदान था।

उसी प्रकार यदि इस संसार की सृष्टि हुई है, संसार चल रहा है, इस संसार की कोई रखवाली कर रहा है तो उसके पीछे भी कोई ना कोई अवश्य है। इस संसार में तो मानव आते जाते रहते हैं, उनका जीवनकाल निश्चित है, लेकिन संसार निरंतर चल रहा है। इसके पीछे अवश्य कोई अदृश्य शक्ति है। जिसे हम ईश्वर मान सकते हैं, वही हम सब की रक्षा कर रहा है। इसलिए हम पूरी तरह सहमत हैं कि इस जगत का रखवाला ईश्वर है।

 


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