चतुर्मुख का समास विग्रह
चतुर्मुख : चार मुखों वाले अर्थात भगवान ब्रह्मा
समास भेद : बहुव्रीहि समास
विस्तृत विवरण :
‘चतुर्मुख’ में ‘बहुव्रीहि समास’ है। बहुव्रीहि समास वहाँ पर लागू होता है, जब किसी शब्द समूह के वास्तविक अर्थ से कोई अलग अर्थ प्रकट होता हो। अर्थात कोई शब्द समूह अपने वास्तविक अर्थ से कोई अलग अर्थ के संबंध में रूढ़ हो गया हो।
दिए गए समस्त पद में चतुर्मुख का वास्तविक अर्थ ‘चार मुखों वाला’ होगा। लेकिन यह समस्त पद भगवान ब्रह्मा के संबंध में रूढ़ हो गया है और चतुर्मुख को भगवान ब्रह्म का पर्यायवाची माना जाता है। इसी कारण यहाँ पर बहुव्रीहि समास को प्रकट हो रहा है। बहुव्रीहि समास में अपने समस्त पद अपने वास्तविक अर्थ से अलग कोई विशिष्ट अर्थ प्रकट करते हैं।
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तत्पुरुष समास का उदाहरण है अ) त्रिभुज ब) हिलोचन स) शरणागत