‘वह कच्चा पीने वाला है।’ इस पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहना चाहते हैं कि जो लोग शराब के प्याले के प्रति मोह रखते हैं, यानी ऐसे व्यक्ति जो सांसारिक भोग-विलास और वस्तुओं के प्रति मोह-माया में फंसे हुए हैं। ऐसे व्यक्ति जीवन को कभी भी सही रूप में नहीं जी पाते।
कवि ने कच्चा पीने वाले लोगों की तुलना सांसारिक मोह माया में फंसे लोगों से की है। जो व्यक्ति सांसारिक मोहमाया में उलझे हैं वे शराब के प्याले को पीने वाले व्यक्ति के समान है। क्योंकि शराब केवल क्षणिक सुख ही देती है, अर्थात वह थोड़े समय के लिए मदमस्त भले ही कर दे लेकिन बाद में उसके दुष्प्रभाव ही होते है। कच्चा पीने वाले लोग भी ऐसे ही होते है, जो क्षणिक सांसारिक मोह-माया में फंसे हैं। ऐसे लोग कभी भी जीवन के सही अर्थ को नहीं समझ पाते और ना ही जीवन को सही अर्थों में जी पाते हैं।
संदर्भ पाठ :
जो बीत गई सो बात गई – हरिवंशराय बच्चन (कक्षा-10, पाठ-9, हिंदी, आलोक भाग-2)
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