संवाद लेखन
शिक्षा के बारे में मित्र से चर्चा
(दो मित्र अरुण और वरुण आपस में शिक्षा के बारे में चर्चा कर रहे हैं)
अरुण : वरुण, तुम्हें आज की शिक्षा पद्धति कैसी लगती है?
वरुण : मुझे आज की शिक्षा पद्धति में कुछ खामियां नजर आती हैं। इस पद्धति में अभी सुधार की आवश्यकता है।
अरुण : तुम्हें आज की शिक्षा में क्या सुधार क्या खामियां नजर आती हैं?
वरुण : आज की शिक्षा रटंत विद्या पर आधारित हो गई है। विद्यार्थी का फोकस केवल परीक्षा पास करने पर रहता है। वह विषय के मूल भाव को नहीं समझता, केवल परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के उद्देश्य से शिक्षा ग्रहण करता है। शिक्षा का असली उद्देश्य किसी भी विषय को समझना होता है।
अरुण : यह बात तो तुम ठीक कह रहे हो। हमारी आज की शिक्षा में व्यवहारिकता की कमी है और हम किताबी ज्ञान पर सिमट कर रह गए हैं।
वरुण : हाँ, वही बात है। हमारे प्राचीन भारत में गुरुकुल शिक्षा पद्धति एक अच्छी पद्धति थी। जहाँ पर विद्यार्थी को कठोर अनुशासन से गुजर कर व्यावहारिक शिक्षा और शास्त्रीय शिक्षा दोनों समान रूप से प्रदान की जाती थी, इससे शिक्षा के सही अर्थ को ग्रहण कर पाता था।
अरुण : हाँ, हमारी सरकारों को इस विषय में सोचना चाहिए और शिक्षा पद्धति में सुधार लाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए और शिक्षा में व्यवहारिकता का समावेश कर किताबें ज्ञान पर निर्भरता को कम करना चाहिए।
वरुण : काश ऐसा हो।
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