‘सर हिमालय का हमने ना झुके दिया’ इस पंक्ति में हिमालय भारत के गौरव और मान-सम्मान का प्रतीक है। यहाँ पर भारत के सैनिकों ने युद्ध भूमि में अपने प्राण भले ही गवां दिए, लेकिन शत्रु के सामने उन्होंने हार नहीं मानी नहीं। ना ही उन्होंने भारत की हार होने दी।
उन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगाकर भारत के मान-सम्मान को बनाए रखा और युद्ध भूमि में संघर्ष किया तथा शत्रु को से डटकर मुकाबला किया। भारत के वीर सैनिक हर पल, हर घड़ी अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने के लिए तत्पर रहे। उन्होंने अपने प्राणों की परवाह ना की और देश के गौरव को कम नहीं होने दिया।
यहाँ पर हिमालय भारत का सर है जो भारत के गौरव-सम्मान का प्रतीक है, क्योंकि हिमालय भारत की पहचान है। भारत का गौरव सम्मान हिमालय के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
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