पुरातात्विक उत्खनन से आप क्या समझते हैं ? पुरातात्विक अन्वेषण और उत्खनन के बीच क्या अंतर है ?

पुरातात्विक उत्खनन से तात्पर्य उस प्रक्रिया से है, जब पुरातत्व संबंधी किसी प्राचीन वस्तु का खनन बेहद बारीकी और सावधानी पूर्वक किया जाए।

उत्खनन अर्थात ‘उत्तम प्रकार का खनन’ जो बहुत ही सावधानी और बारीकियों को ध्यान में रखकर किया जाता है, क्योंकि पुरातात्विक उत्खनन ऐसी मूल्यवान प्राचीन वस्तुओं का किया जाता है, जो आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण है और उनके खनन की प्रक्रिया में उनको किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचे।

जहाँ खनन किसी उपयोगी खनिज पदार्थ आदि को बाहर निकालने की प्रक्रिया है, वहीं उत्खनन किसी मूल्यवान पदार्थ या वस्तु को बेहद सावधानी एवं बारीकी से निकालने की प्रक्रिया है। पुरातात्विक उत्खनन ऐसी ही पुरातात्विक वस्तुओं के खनन की प्रक्रिया है।

पुरातात्विक उत्खनन और पुरातात्विक अन्वेषण में मुख्य अंतर यह होता है कि पुरातात्विक उत्खनन पुरातत्व से संबंधित वस्तुओं को भूमि से सावधानीपूर्वक बाहर निकालने की प्रक्रिया होती है, जबकि पुरातात्विक अन्वेषण पुरातत्व संबंधी वस्तुओं के खोजबीन की प्रक्रिया है। जब तक पुरातातत्ववेत्ता को किसी पुरातत्विक स्थल के विषय में पता चलता है तो वह उस पुरातात्विक स्थल का अध्ययन और उस पुरातात्विक स्थल की भूमि के अंदर दबी हुई पुरातात्विक वस्तुओं को निकालने से पूर्व उनकी खोजबीन और अध्ययन की प्रक्रिया पुरातात्विक अन्वेषण कही जाती है।


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