हिंदी साहित्य का इतिहास लिखने वाले सर्वप्रथम विद्वान आचार्य रामचंद्र शुक्ल थे।
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल विद्वान थे जिन्होंने हिंदी साहित्य का इतिहास सर्वप्रथम व्यवस्थित रूप से लिखा था।
- उन्होंने ही हिंदी साहित्य के इतिहास को शब्दबद्ध करके एक व्यवस्थित रूप दिया और उसे अलग-अलग काल खंडों में विभाजित किया।
- हिंदी साहित्य के अब तक जितने भी इतिहास लिखे गए हैं उनमें आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा लिखा गया इतिहास सबसे अधिक प्रमाणिक और व्यवस्थित माना जाता है।
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने इतिहास को हिंदी साहित्य के इतिहास को पाँच खंडों में विभाजित किया।
- इसमें आदिकाल या वीरगाथा काल संवत् 1050 से 1375 तक माना गया।
- पूर्व मध्यकाल अथवा भक्तिकाल संवत् 1375 से 1700 तक माना गया।
- उत्तर मध्यकाल अथवा रीतिकाल संवत् 1700 से 1980 तक माना गया।
- आधुनिक काल को गद्य काल संवत् 1900 से 1980 ईस्वी तक माना गया।
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