उन लोगों की पैनी आँख भविष्य का तम अर्थात अंधकार चीर देती है, जो लोग जीवन में कभी भी परिस्थितियों के आगे नहीं झुकते। जो लोग अपने न्यायोचित अधिकार के लिए निरंतर संघर्ष करते हैं, जो कभी अत्याचार नहीं सहते। जो भीड़ के साथ नहीं चलते बल्कि अपनी राह आप खुद बनाते हैं, जो लोग निर्भर होकर रहते हैं और निर्भय होकर अपने विचार व्यक्त करते हैं। जिनकी जीभ पर सच्चाई होती है और उन्हें कोई भी ताकत चुप नहीं करा करती।
जो अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हैं अर्थात जो कभी झुका नही करते और हमेशा स्वाभिमान से सीधा होकर चलते हैं। जो लोग दुनिया में किसी भी तरह का समझौता नहीं करते जो बड़े-बड़े सपने देखते हैं और उन सपनों को पूरा करने का साहस रखते हैं। ऐसे लोगों की पैनी आँख भविष्य का तम चीर देती है अर्थात ऐसे लोग भविष्य के अंधकार को चीर करकर कि दूर की सोच रखते हैं।
थोड़ा और जानें…
‘रीढ़ की हड्डी’ नामक कविता हरिवंश राय द्वारा लिखी गई एक कविता है, जिसमें उन्होंने ऐसे लोगों के गुणों का वर्णन किया है। जो जीवन में कभी समझौता नहीं करते बल्कि जो वीर होते हैं, साहसी होते हैं और अपनी राह अपने दम पर बनाते हैं।
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