भारत के कुछ राज्यों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या बहुत कम है आप इसका क्या कारण मानते हैं तथा अपनी दृष्टि में इस प्रवृत्ति को रोकने हेतु क्या उपाय कर सकते हैं ? किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए। (पत्र लिखिए)

औपचारिक पत्र

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या कम होने के संबंध में संपादक को पत्र

 

सेवा में,
संपादक महोदय,
नव भारत टाइम्स,
सोनीपत, हरियाणा

विषय : देश के विभिन्न राज्यों में लिंग अनुपात के संदर्भ में ।

महोदय,
मैं आज इस पत्र के माध्यम से आपके एक बहुत गंभीर मुद्दा आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं और मुझे आशा है कि आप भी मेरे द्वारा दिये गए तथ्यों और टिप्पणी से सहमत होंगे।

आज के समय में अगर आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो हम पाएंगे कि चाहे हम कई क्षेत्रों में दुनिया में बहुत पीछे हैं लेकिन अगर जनसंख्या की बात करें तो हम बस सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश बनने से कुछ ही कदम दूर हैं लेकिन अगर लिंग अनुपात की बात करें तो अभी भी ज़्यादातर देश के राज्यों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या बहुत कम है और इस कारण मैं जो समझता हूँ कि वह है अत्यधिक गरीबी और शिक्षा की कमी और इसी कारण महिलाओं की हमारे समाज में निम्न स्थिति है ।

कन्या भ्रूण हत्या भी इसका एक मुख्य कारण है । सरकार ने इस पर रोक लगा राखी है लेकिन अभी भी कई अनैतिक साधनों के द्वारा कन्या भ्रूण हत्या हो रही है और यह सब शिक्षा की कमी की वजह से ही हो रहा है । अगर सरकार चाहे तो हर राज्य में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम करवा सकी है ताकि निम्न सोच रखने वाले लोगों को इस बावत आईना दिखाया जा सके ।

आज हमारे देश में हरियाणा राज्य बहुत उन्नति कर रहा है और इस राज्य से कई महिला खिलाड़ी और बड़े पदों पर अधिकारी महिलाएं नियुक्त होती हैं और देश का गौरव बन रही है लेकिन आप को जानकर आश्चर्य होगा कि हरियाणा में 1000 पुरुषों पर 879 महिलाएं हैं और इस सबसे कम लिंग अनुपात है और यहाँ पर भी सबसे अहम कारण शिक्षा की कमी है क्योंकि कई परिवार लड़कियों की शिक्षा को सही नहीं मानते।

दूसरी तरफ नज़र डालें तो केरला देश का सबसे उच्चतम लिंग अनुपात वाला राज्य है और यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 1084 महिलाएं हैं और इसका कारण है कि केरला देश का शीर्ष शिक्षित राज्य है इसलिए लोगों का नज़रिया वहाँ बिलकुल अलग है ।
श्रीमान, यह बात भी सच है कि अगर महिलाएं ही नहीं रहेंगी तो लोगों के परिवार कैसे बढ़ेंगे । हम तो अपनी पीढ़ियों की बातें करते हैं अगर ऐसा ही रहा तो हर परिवार केवल एक पीढ़ी तक ही सीमित होकर रह जाएगा ।

इसलिए आप से अनुरोध है आप इस गंभीर विषय पर ध्यान दें और कृपया अपने समाचार पत्र में इसका उल्लेख ज़रूर करें ताकि लोगों को शिक्षित किया जा सके और देश में असंतुलित लिंग अनुपात को संतुलन में लाया जा सके ।
धन्यवाद सहित,

निवेदक,
(मोहन शर्मा) ।


ये भी देखें…

कार्तिक/कीर्ति पाटील, रामनगर, दापोली, जिला – रत्नागिरी से संपादक, दैनिक दापोली टाइम्स, नेताजी रोड, – दापोली को पत्र लिखता/लिखती है, जिसमें वह अपने क्षेत्र में व्याप्त गुंडागर्दी की शिकायत करता/करती है।​

आप मयंक मौर्य मंजू राजपूत है आजकल प्लास्टिक की वस्तुओं का खूब प्रयोग हो रहा है। प्लास्टिक से होने वाली हानियाँ बताते हुए दैनिक जागरण अ.ब.स. नगर के संपादक को 100 शब्दों में पत्र लिखें जिसमें उसे प्रकाशित करने का अनुरोध किया गया हो।

आप वेणु राजगोपाल/वेणी राजगोपाल हैं। हिंदुस्तान टाइम्स दिल्ली के संपादक के नाम एक पत्र लिखकर सामाजिक जीवन में बढ़ रही हिंसा पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ते धूम्रपान की समस्या से अवगत कराते हुए संपादक को पत्र लिखें

नवभारत टाइम्स’ नई दिल्ली के संपादक को दीक्षा की ओर से एक पत्र लिखिए, जिसमें सड़क-परिवहन के नियमों की उपेक्षा करने वालों के प्रति पुलिस के ढीले-ढाले रवैये पर चिंता व्यक्त की गई हो।

Leave a Comment