1929 की अमेरिकी महामंदी एक भयंकर महामंदी थी, जिस कारण पूरी अमेरिकी अर्थव्यवस्था हिल गई थी। यह महामंदी 1929 से 1939 के दौरान जारी रही। 1929 की इस महामंदी के निम्नलिखित कारक जिम्मेदार थे…
- 1929 में अमेरिका का स्टॉक मार्केट क्रैश हो जाने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह हिल गई। इस कारण अमेरिका में निवेश और खर्च में बेहद कमी आ गई।
- 1930 के दशक की शुरुआत में ही कई बैंकों में की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई थी और उनके पास ऋण के लिए पर्याप्त धन की भी कमी हो गई थी।
- अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए स्वर्ण मानक ने विदेशी केंद्रीय बैंकों को ब्याज दरें बढ़ाने के लिए विवश कर दिया, जिससे अन्य कई देशों में खपत और निवेश कम हो गया।
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों द्वारा अत्याधिक मशीनरी की खरीदी की गई, जिस कारण अत्याधिक ऋण की समस्या भी उत्पन्न हो गई थी और उत्पादन का स्तर बेहद अधिक बढ़ गया था।
- खपत के मुकाबले उत्पादन की दर में अत्याधिक बढ़ोतरी होने के कारण कई कंपनियों को अपना सामान सस्ते दर पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आर्थिक घाटे और कंपनियों में छंटनी के कारण बेरोजगारी दर बढ़ती चली गई जो 1933 में 24.9% तक पहुंच गई थी।
इस तरह 1929 की अमेरिकी महामंदी के यह कारक प्रमुख थे।
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