इंदरसेना सबसे पहले गंगा मैया की जय इसलिए बोलती है. क्योंकि गंगा नदी का भारतीय जनजीवन में बेहद ही महत्वपूर्ण स्थान है। गंगा नदी को भारत में बेहद पवित्र नदी माना जाता है और उसे माँ का दर्जा तक प्राप्त है। हर शुभ कार्य में गंगा मैया की जय बोलना शुभ माना जाता है।
गंगा नदी पवित्र एवं पूज्य नदी है, जो भारतीयों की आस्था का प्रतीक है। इसके जल को भी बेहद पवित्र माना जाता है, जिसका प्रयोग धार्मिक क्रियाकलापों में भी पवित्र जल के रूप में किया जाता है। किसी भी तरह के धार्मिक उत्सव आदि में गंगा मैया की जय बोलना एक सामान्य परंपरा है। इसी कारण इंद्रसेना सबसे पहले गंगा मैया की जय बोलती है। इस तरह वह गंगा नदी के प्रति अपनी अपना सम्मान प्रकट करती है।
नदियों का भारतीय सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश में बेहद ही महत्वपूर्ण योगदान है। भारत की लगभग पूरी संस्कृति ही नदियों के आसपास विकसित हुई है। भारत के लगभग सभी प्रमुख धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगर नदियों के किनारे विकसित हुए हैं। नदियां जीवनदायी हैं। वह लोगों को अपने जल के माध्यम से जीवन देती हैं। गंगा नदी ही नही लगभग हर नदी के प्रति भारतीय सम्मान का भाव रखते हैं, चाहे वो यमुना नदी हो, सरस्वती, नर्मदा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कावेरी आदि नदियां क्यों न हों, भारतीय सभी के प्रति सम्मान का भाव रखते हैं। इसी कारण नदियों का भारतीय सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश में अति महत्वपूर्ण स्थान है।
संदर्भ पाठ :
‘काले मेघा पानी दे’ लेखक धर्मवीर भारती (कक्षा-12, पाठ-13, हिंदी आरोह 2)
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काले मेघा पानी दे : धर्मवीर भारती (कक्षा-12 पाठ-13)