गगरी फूटी बैल पियासा इंदर सेना के इस खेलगीत में बैलों के प्यासा रहने की बात क्यों मुखरित हुई है?

‘गगरी फूटी बैल पियासा’ इंदर सेना के इस खेलगीत में बैलों के प्यासे रह जाने की बात इसलिए मुखरित हुई है, क्योंकि यह दशा वर्षा न होने के कारण ग्रामीण मनोस्थिति को दर्शाती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित होती है और कृषि वर्षा तथा बैलों पर निर्भर होती है। यदि बैल नहीं होंगे तो खेतों की जुताई कैसे होगी?

एक तो गाँव में वर्षा बिल्कुल भी नहीं हो रही और जो थोड़ा बहुत घड़ों (बर्तनों) आदि में पानी बचा था, वह घड़ा भी गिरने से टूट गया है। अब कुछ पानी शेष नहीं रह गया है।

कहने का तात्पर्य यह है कि वर्षा ना होने के कारण गाँव के कुओं, तालाबों तथा अन्य पानी के स्रोत भी सूख गए हैं। इसी कारण बैल प्यासे रह गए हैं। जब बैल प्यासे रह जाएंगे तो वह खेतों में काम नहीं कर सकेंगे। जब खेतों में काम नहीं होगा तो फसलों की जुताई कैसे होगी, फसल कैसे होगी। इसीलिए इंद्रसेना यह गीत गाकर वर्षा होने का अनुरोध करती है ताकि वर्षा हो बैलों सहित सबकी प्यास बुझे और चारों तरफ खुशहाली छा जाए।

संदर्भ पाठ :

‘काले मेघा पानी दे’ लेखक धर्मवीर भारती (कक्षा-12, पाठ-13, हिंदी आरोह 2)

 

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पाठ के अन्य प्रश्न

‘पानी दे गुड़धानी दे’ मेघों से पानी के साथ-साथ गुड़धानी की माँग क्यों की जा रही है?

जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया?

 

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काले मेघा पानी दे : धर्मवीर भारती (कक्षा-12 पाठ-13)

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