‘पानी दे गुड़धानी दे’ मेघों से पानी के साथ-साथ गुड़धानी की माँग क्यों की जा रही है?

‘पानी दे गुड़धानी दे’ में उसे पानी के साथ साथ गुड़धानी की मांग इसलिए की जा रही है क्योंकि यह भारत के ग्रामीण सांस्कृतिक जीवन का एक सूत्र वाक्य है। यह एक कविता की तुकबंदी होने के साथ-साथ इसके पीछे एक गहरा अर्थ भी छिपा हुआ है। पानी के साथ गुड़धानी की मांग इसलिए की जाती है कि पानी के साथ-साथ अनाज भी मिले। यानि जब इंद्रदेवता प्रसन्न होकर वर्षा करेंगे तो खेतों में अच्छी फसल होगी और अनाज उत्पन्न होगा।

यहाँ पर गुड़धानी यानी गुड़ चने अभिप्राय सारे अनाज की फसलों से है। आनाज होने से लोगों का पेट भरेगा। जहाँ पानी से प्यास बुझेगी, तो वहीं अच्छी वर्षा होने से अच्छा अनाज उत्पन्न होगा और लोगों की भूख मिटेगी।

गाँव का जीवन ही कृषि पर आधारित होता है। अच्छी कृषि होने पर उत्पन्न होने पर ही जीवन की खुशहाली निर्भर होती है। इसीलिए पानी के साथ गुड़धानी की मांग की जा रही है, ताकि इंद्र देवता ना केवल बारिश का पानी दे पानी से अच्छी फसल होने पर अनाज भी मिले।

संदर्भ पाठ :

‘काले मेघा पानी दे’ लेखक धर्मवीर भारती (कक्षा-12, पाठ-13, हिंदी आरोह 2)

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पाठ के अन्य प्रश्न

लड़कों की टोली को मेढक मंडली का नाम किस आधार पर दिया। यह टोली अपने आप को इंदर सेना कहकर क्यों बुलाती थी?

जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया?

 

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काले मेघा पानी दे : धर्मवीर भारती (कक्षा-12 पाठ-13)

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