जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को इस तरह सही ठहराया कि जीजी के अनुसार कुछ पाने के लिए पहले कुछ देना पड़ता है। जीजी ने अपना तर्क यह दिया कि देवताओं से कोई भी मन्नत मांगने से पहले उन्हें कुछ चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है, तभी देवता प्रसन्न होते हैं। यदि किसान को पूरे खेत में गेहूं की फसल उगाने है तो उसे गेहूं को पहले बोना पड़ेगा, तभी उसे ढेर सारा गेहूं मिलेगा। इसी तरह इंद्र देवता पानी के देवता हैं। वे पानी का दान करने से प्रसन्न होते हैं।
इंदर सेना इंद्र के ही दूतों के समान हैं, इसलिए उन पर पानी डालने से इंद्र देवता को पानी के दान के समान माना जाएगा। इस तरह इंदर देवता पानी का दान देने से प्रसन्न होंगे और झमाझम बारिश करेंगे। जीजी के अनुसार पहले कुछ दान करो, फिर कुछ फल पाने की आशा करो, यह तर्क देकर जीजी ने इंदरसेना पर पानी फेंके जाने को सही ठहराया।
संदर्भ पाठ :
‘काले मेघा पानी दे’ लेखक धर्मवीर भारती (कक्षा-12, पाठ-13, हिंदी आरोह 2)
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काले मेघा पानी दे : धर्मवीर भारती (कक्षा-12 पाठ-13)