लेखिका मन्नू भंडारी को किस रचनाकार की छोटे-छोटे, सरल-सहज वाक्यों वाली शैली ने बहुत आकृष्ट किया था? (क) अज्ञेय (ख) जैनेन्द्र (ग) यशपाल (घ) भगवतीचरण वर्मा

मन्नू भंडारी को किस रचनाकार के छोटे-छोटे सरल-सहज वाक्यों वाली शैली ने बहुत आकृष्ट किया था, तो इसका सही विकल्प होगा

(ख) जैनेंद्र

विस्तृत वर्णन…

लेखिका मन्नू भंडारी को जैनेंद्र के छोटे-छोटे सरल-सहज वाक्यों वाली शैली बहुत अच्छी लगती थी। सन 1945 में जब लेखिका मन्नू भंडारी ने अपने कॉलेज में प्रवेश लिया, तब उनका संपर्क वहां की हिंदी प्राध्यापिका श्रीमती शीला अग्रवाल से हुआ। उनकी सहायता से लेखिका को हिंदी साहित्य जगत को जानने का अवसर मिला।

उनकी प्राध्यापिका शीला अग्रवाल ने उन्हें हिंदी लेखकों की अनके किताबें दीं, जिनमें शरतचंद्र, प्रेमचंद, जैनेंद्र, अज्ञेय, यशपाल, भगवती चरण वर्मा आदि प्रमुख थे। लेखिका को जैनेंद्र कुमार के छोटे-छोटे सरल-सहज वाक्यों वाली शैली बहुत अच्छी लगती थी, इसी कारण उनका ‘सुनीता’ उपन्यास को पूरा पढ़ लिया।

 

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