हम भी सिंह¸ सिंह तुम भी हो¸
पाला भी है आन पड़ा।
आओ हम तुम आज देख लें
हम दोनों में कौन बड़ा॥
संदर्भ : ‘श्याम नारायण पांडे’ द्वारा लिखी गई ‘हल्दीघाटी’ वाक्य के प्रथम सर्ग की इन पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार है। यह प्रसंग उस समय का है जब महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह वन में शिकार खेलने गए और उन्होंने उनमें आपस में वीरता के प्रदर्शन को लेकर विवाद हो गया।
भावार्थ : महाराणा प्रताप शक्ति सिंह से कहते हैं कि मैं सिंह के समान यानि मैं वीर हूँ और तुम भी सिंह के समान यानि तुम भी वीर हो। आज हम दोनों का आमना-सामना हो रहा है। आज हम दोनों की शक्ति प्रदर्शन हो जाए। आज भी निश्चित हो जाएगा कि हम दोनों में से श्रेष्ठ वीर कौन है, कौन सही अर्थों में श्रेष्ठ वीर राजपूत है।
Partner website…
ये भी देखें…
उसका जन्म यश की वर्षा करने के लिए ही हुआ है निम्नलिखित पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
मैंने तुम्हें मार कर धर्म की रक्षा की है इसका क्या भाव या आशय है सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
राम के प्रति अपने श्रद्धाभाव को भरत किस प्रकार प्रकट करते हैं, स्पष्ट कीजिए।