प्रति,
संपादक महोदय,
हिंदुस्तान टाइम्स,
नई दिल्ली ।
विषय : प्लास्टिक की चीजों से होने वाली हानि बाबत ।
महोदय,
मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र की सहायता से प्लास्टिक की चीजों से होने वाली हानि के बारे में सरकार तथा जनता का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ । आज के समय में प्लास्टिक इतना अधिक बढ़ गया है कि इसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते । यदि आज की दुनिया को आप प्लास्टिक की दुनिया कहेंगे, तो
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि जहाँ देखो वहाँ प्रत्येक वस्तु प्लास्टिक की बनी है । छोटे से छोटे सामान जैसे कि बच्चों के खिलौने, सामान रखने के लिए प्लास्टिक के डिब्बे, कपड़ों के लिए प्लास्टिक बैग या फिर खाने-पीने के सामानों को रखने के लिए बिस्कुट और चॉकलेट के प्लास्टिक आदि में प्लास्टिक का
इस्तेमाल होने लगा है । अब ऐसे में अगर हम कहें कि आज हम प्लास्टिक की दुनिया में जी रहे हैं तो कुछ गलत नहीं होगा ।
सभी जानते हैं प्लास्टिक पॉलीमर से निर्मित एक प्रोडक्ट है, जो ना तो पानी में घुल सकता है और ना ही जलाने पर यह पूरी तरह से नष्ट होता है । प्लास्टिक को अंग्रेजी में “पॉलिथीन” भी कहा जाता है, जो पर्यावरण को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाती है । प्लास्टिक को जलाने से उसमें से रसायन निकलते है
जिससे वायु प्रदूषण होता है । उस धुएं में ज़्यादा देर सांस लेने से मनुष्य को भयंकर बीमारियां हो सकती है
। प्लास्टिक मानव के लिए अत्यंत खतरनाक है । प्लास्टिक का निर्माण जाइलिन, एथेलेन ऑक्साइड और बेंजीन जैसे रसायनो से होती है । जब यह प्लास्टिक जलाशयों और समुद्र के जल में चले जाते है, तो वहां के जीव उसे खाना समझकर खा लेते है और प्लास्टिक उनके गले में अटक जाती है और उससे उनकी मौत हो
जाती है ।
मनुष्य को प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का खंडन करना चाहिए । प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुओं के उपयोग से बचे । प्लास्टिक के स्थान पर कागज़ और जुट के बैग का इस्तेमाल करें । हमें जब भी दुकान से चीज़ें लेनी
हो हमेशा कपड़े की थैली लेकर जानी चाहिए, ताकि प्लास्टिक में वस्तुएं ना लेना पड़े । प्लास्टिक के इन भयानक और बुरे प्रभाव की जानकारी को लोगों में फैलाना चाहिए, ताकि वह इसे गंभीरता से ले । स्कूल और अन्य शिक्षा संस्थानों में प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताना ज़रूरी है, ताकि वह कम
उम्र से सचेत हो जाए । ऐसे में वह प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे और सतर्क रहेंगे ।
अतः आपसे विनम्र आग्रह है कि आप मेरे इस पत्र को अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करें । आपकी इस कृपा के लिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा । सकारात्मक उत्तर की प्रतीक्षा में ।
धन्यवाद सहित !
निवेदक,
रामेश्वरम कुमार ।
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