‘यह वह समय है जब बच्चे मनाता होगा-काश! उसके पिता अनपढ होते’ इस बात का आशय इस प्रकार है कि बच्चे एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ वो पूरी तरह से आजादी चाहते हैं। उनके मन में अब माता-पिता के प्रति वैसा सम्मान नहीं है। वह केवल माता-पिता को एक साधन समझते हैं। पहले के माता-पिता अक्सर अनपढ़ होते थे और अपनी संतान को खूब पढ़ाना चाहते थे, लेकिन आज बच्चे जिस पीढ़ी के हैं, उसकी पहली पीढ़ी यानी उनके माता-पिता भी पढ़े लिखे हैं। इसलिए वे अपनी संतान की पढ़ाई के प्रति जागरूक है ।
आजकल के माता-पिता हर बात पर नजर रखते हैं कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं। उनके बच्चे पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं या नहीं? वे कौन सी पढ़ाई कर रहे हैं। इसलिए वह अपने बच्चों को निरंतर टोकते रहते है ।
आजकल के माता-पिता टेक्निक फ्रेंडली भी हैं, इसलिए डिजिटल जगत और सोशल मीडिया में अथवा टीवी-मोबाइल पर उनका बच्चा क्या कर रहा है ये बात भी वे अच्छी तरह से जानते हैंं और अपने बच्चे पर लगातार नजर रखते है ।
ऐसे में बच्चे चाहते हैं कि उनके माता-पिता अनपढ़ होते तो शायद वह उन पर नजर नही रख पाते और ना ही समझ पाते। इस तरह बच्चे अपने माता-पिता को आसानी से चकमा दे सकते थे और अपनी मर्जी के अनुसार कार्य कर सकते थे। लेकिन माता-पिता पढ़े लिखे हैं इस कारण बच्चों द्वारा माता पिता को चकमा देना संभव नहीं होता। इसीलिए आज का यह समय है, जब बच्चे मनाते हैं, उसके माता-पिता अनपढ़ होते।
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