सर्वप्रथम मैं आप सभी लोगों का तहत दिल से धन्यवाद देना चाहती हूँ कि आप सभी लोगों ने मुझे इस शुभ दिन पर मौका दिया कि मैं गणतंत्र दिवस पर आपके सामने अपने-अपने विचार रख सकूं । आज हम सभी देश का 74 नवां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) मनाने के लिए एकत्र हुए है ।
26 जनवरी के दिन ही भारत में संविधान लागू हुआ था । संविधान सभी देशवासियों को उनके अधिकारों और कत्तर्व्य से रू-ब-रू कराता है । भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है । इसे तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिनों का समय लगा ।
इसे बनाने में डॉ भीमराव अंबेडकर की सबसे अहम भूमिका रही है । यही कारण है कि उन्हें भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है । 26 जनवरी को हर साल राजपथ पर भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी देशवासी बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं ।
इस अवसर पर देश के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राजपथ पर भारत की विविधता की झलक झांकियों के रूप में दिखाई देती है । भारतवर्ष में ‘स्वराज’ के लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने पूरे जीवन भर संघर्ष किया ।
उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान भी दिया ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी यानी हमें कोई संघर्ष न करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सकें किन्तु आज हम सभी कहाँ आकर खड़े हो गये है ।
यह बहुत ही शर्म की बात है कि आजादी के इतने 74 वर्षों के बाद भी हम अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं यह सभी को भलीभांति मालूम है आज हमें फिर से एक बार साथ मिलकर अपने देश से इन बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है जैसे कि स्वतंत्रता सेनानी नेताओं ने अंग्रेजों को हमारे देश से बाहर निकाल फेंका था ।
हमें भारत देश को फिर से महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री इन स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाना होगा ।
अंत में आप सभी को मैं धन्यवाद देना चाहूँगी की आपने मुझे आपके समक्ष गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर पर अपने शब्द रखने की अनुमति दी । एक बार फिर से आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
धन्यवाद,
जय हिंद, जय भारत, वन्देमातरम, भारत माता की जय ।
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