सरस्वती विद्यालय,
छात्रावास गांधी नगर,
नागपूर ।
प्रणाम पिता जी,
नमस्ते पिता जी, आशा करता हूँ आप सब घर में ठीक होगे । पिता जी मैं आप से एक बात कहना चाहता हूँ, पिता जी मैं अपने सहपाठियों के साथ पर्यटन जाने की अनुमति चाहता हूँ । मुझे बहुत मन सब के साथ घूमने जाना का । अगले साल हम सब दोस्त अलग-अलग हो जाएंगे । मुझे घूमने जाने के लिए कुछ 2000 रुपयों की जरूरत है । पिता जी कृपा करके आप मुझे पर्यटन जाने की अनुमति दें और रुपए भी भेज दें ।
आप सब अपना ध्यान रखना आपके पत्र का इंतजार करूंगा ।
आपका बेटा,
वैभव सोलापुरे ।
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आप बुक फेयर देखने गए थे वहां आपने क्या-क्या किया इसका वर्णन करते हुए अपने पिताजी को पत्र लिखिए ।
पिताजी को पत्र लिखकर बताइए कि ग्रीष्म ऋतु में पिकनिक मनाना चाहते हैं ?