गाँव में कौन-सी बीमारी फैली थी और वातावरण कैसा था ?​ (पहलवान की ढोलक)

गाँव में मलेरिया और हैजे की बीमारी फैली हुई थी। मलेरिया एवं और हैजे की बीमारी से पूरा गाँव त्रस्त था। पूरा गाँव इन बीमारियों की चपेट में आ गया था। इन भयंकर बीमारियों से त्रस्त गाँव में चारों तरफ चीख-पुकार मची थी। माताओं के सामने उनके पुत्र दम तोड़ रहे थे।

गाँव का वातावरण बेहद गंभीर और ह्रदय विदारक दृश्य वाला था। चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था। लोगों के घरों में रोने-बिलखने की आवाजें सुनाई देती थी और जब किसी की मृत्यु हो जाती थी तो फिर थोड़ी देर बाद सन्नाटा छा जाता था। इस तरह गाँव का वातावरण बेहद गमगीन था।

 

 

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आशय स्पष्ट कीजिए- क. तृष्णा जो लोभ की बेटी है, कभी अपनी भूख नहीं मिटा पाई। ख. प्रसिद्धि की बला एक कला ही है पर लोभ उस बला में फँसकर बेहद सुख मानता है।

‘सरकार को भिखारियों के पुनर्वास के लिए प्रयत्न करना चाहिए’ इस विषय पर अनुच्छेद लिखिए।​

 

 

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