आशय स्पष्ट कीजिए। (i) गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है। (ii) आत्मबल वह जो विपत्ति का वीरता के साथ सामना करे।

दोनों पंक्तियों का आशय इस प्रकार है….

(i) गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है।

इस पंक्ति का आशय यह है कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है और विपत्ति तथा संकट का सामना करके ही अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। सुख-सुविधा को भोग कर लक्ष्य को नहीं पाया जा सकता। लक्ष्य को पाने के लिए परिश्रम और संघर्ष करना पड़ता है। बिल्कुल उसी प्रकार जिस तरह  समुद्र के किनारे बैठे व्यक्ति को यदि मोती पाना है तो उसे गहरे समुद्र में छलांग लगाकर मोती को ढूंढना पड़ेगा। यदि वह किनारे पर ही बैठा रहेगा तो उसे मोती नहीं मिलने वाले।

(ii) आत्मबल वह जो विपत्ति का वीरता के साथ सामना करे।”

इस पंक्ति का आशय ये है कि आत्मबल वही है जो किसी भी विपत्ति या संकट की स्थिति में काम आए और विपत्ति एवं संकट से सामना करने की शक्ति प्रदान करें। वही आत्मबल  सच्ची वीरता है। ऐसाआत्माबल जो संघर्ष करने की जुझारू शक्ति पैदा करें और अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर आगे बढ़ने को प्रेरित करें, वह आत्मबल ही सच्चा है, वही सच्ची वीरता है।

 

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