मकान न. 24,
ग्रीन पार्क कॉलोनी
खलिनी, शिमला-171002
पूजनीय चाचा जी,
चरण स्पर्श !
मैं छात्रावास में स्वस्थ एवं प्रसन्न रहकर आशा करता हूँ कि आप भी आनन्द में होंगे मैं ईश्वर से यही कामना करता हूँ । मैं अपनी परीक्षा की तैयारी कर रहा हूँ । कल आपका पत्र मिला पढ़ कर बहुत खुशी हुई ।
चाचा जी आपने पत्र में पूछा था कि क्या मैं नए स्कूल में खुश हूँ । हाँ चाचा जी मैं बहुत खुश हूँ । यहाँ सब कुछ बहुत अच्छा है । यहाँ पर नई –नई गतिविधियां होती रहती हैं । अभी कुछ दिन पहले ही 5 जून को यहाँ पर पर्यावरण दिवस बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया । विद्यालय के संचालक की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन विभाग के रेंजर एवं विशिष्ट अतिथि सहायक वन अधिकारी रहे ।
इस दौरान वन विभाग के रेंजर ने अपने भाषण में कहा कि डिस्पोजल और टिशू पेपर सहित विभिन्न चीजें वनों के लिए विनाशकारी साबित हो रही है । रोज 1 करोड से अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं, जिससे आने वाला समय भयानक नजर आ रहा है ।
वहीं विद्यालय के संचालक ने पेड़ों की महत्ता पर प्रकाश डाला एवं उन्होंने कहा कि लगातार घट रहे वनों के कारण पशु पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। रेंजर साहब ने विद्यालयों में अधिक पेड़ लगाकर ग्रीन स्कूल बनाने एवं प्लास्टिक को लॉक करने के बारे में विचार व्यक्त किए ।
जिसके बाद विद्यालय के छात्रों की प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम रखा गया । जिसमें सही जवाब देने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया । अतिथियों ने विद्यालय प्रांगण के अंदर पौधे लगाए गए और पर्यावरण को बचाने की शपथ ली ।
हम सब ने मिलकर 100 नीम के पौधे लगाये । पीपल का पेड़ 60 से 80 फीट तक लंबा हो सकता है । यह पेड़ सबसे ज्यादा आक्सीजन देता है । इसलिए पर्यावरणविद पीपल का पेड़ लगाने के लिए बार-बार कहते हैं । आपको भी एक पीपल का एक पेड़ जरूर ही लगाना चाहिए ।
अब मैं पत्र समाप्त करता हूँ । शेष मिलने पर । चाची जी को मेरी ओर से चरण वंदना कहना ।
आपका भतीजा,
राम ।
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