जल में दो मछलियों के मध्य पानी की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए हुई बातचीत को संवाद :
पहली मछली : क्या हुआ बहन ? इतनी उदास क्यों लग रही हो ,क्या सोच रही हो ?
दूसरी मछली : क्या बताऊँ बहन आजकल पानी की कमी बढ़ती जा रही है और हमारा और मनुष्यों का आने वाला कल खतरे में है, ना जाने क्या होगा ? बस यही सोच रही हूँ ।
पहली मछली : बहन चिन्ता तो मुझे भी होती है लेकिन केवल जीव – जंतुओं की मनुष्यों की नहीं ?
दूसरी मछली : क्यों बहन क्या हुआ ? तुम मनुष्यों से इतना नाराज़ क्यों हो ?
पहली मछली : पानी की कमी की समस्या का कारण भी तो यह मनुष्य ही है । इनकी स्वार्थी प्रवृति के कारण ही ऐसा हो रहा है ।
दूसरी मछली : वह कैसे ?
पहली मछली : ये स्वार्थी मनुष्य वनों की कटाई कर रहे हैं जिसके कारण ही ऐसा हो रहा है ।
दूसरी मछली : वह कैसे ? मैं कुछ समझी नहीं बहन ।
पहली मछली : ओह ! तुम बहुत भोली हो बहन, कम पेड़ों वाले क्षेत्रों की तुलना में अधिक हरियाली वाले स्थानों में वर्षा काफी अच्छी होती है । जब उचित बारिश होगी तो पानी की कमी नहीं होगी । बढ़ते उद्योग और शहरी करण वनों की कटाई के मुख्य कारण हैं ।
दूसरी मछली : क्या सिर्फ यही एक कारण है ?
पहली मछली : नहीं , इसका एक और बड़ा कारण है, मनुष्यों की बढ़ती हुई जनसंख्या ।
दूसरी मछली : वह कैसे बहन ?
पहली मछली : दरअसल बढ़ती आबादी को जीवन यापन के लिए पर्याप्त भोजन, पानी की भी आवश्यकता होती है । अनियंत्रित तरीके से पानी का उपयोग भी बढ़ गया गया है । साफ़ पानी के स्रोत जनसंख्या की तुलना में बहुत कम हैं और यह पानी की कमी के प्रमुख कारणों में से एक है ।
दूसरी मछली: बहन इसका मतलब यह हुआ कि मनुष्यों को जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना होगा । तभी इस समस्या का हल निकल पाएगा ।
पहली मछली : तुमने बिल्कुल ठीक कहा । अब मनुष्यों को भी यह बात समझ लेनी चाहिए, इसी में हम सब की भलाई है ।
कुछ संवाद प्रश्न :
ग्राम सुधार विषय पर विकास अधिकारी तथा ग्राम सेवकों के बीच संवाद लिखिए।
Fool or kaatein ke bech samvad (फूल और कांटे के बीच संवाद)
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