कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना।


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कवि ने इस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार,  गद्दारी लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना है क्योंकि यह है क्रियाएं ऐसी क्रियाएं हैं जिनमें सुधार की संभावना होती है। जहां पर सुधार की संभावना हो वह बात इतनी बुरी नहीं होती बनिस्बत उस बात के जहां पर सुधार की बिल्कुल भी संभावना ना हो।कवि के अनुसार इन क्रियाओं में व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है ज्ञानी भविष्य में इन क्रियाओं में सुधार किया जा सकता है लेकिन समाज में कुछ ऐसी क्रियाएं भी हैं जिनमें सुधार की संभावना बिल्कुल नहीं होती, इसलिए वह क्रियाएं अधिक खतरनाक है जबकि मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ बहुत अधिक खतरनाक नहीं है क्योंकि व्यक्ति की उनके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बने रहने के कारण उनमें भविष्य में सुधार की संभावनाएं होती हैं।

 

हमारे अन्य प्रश्न

खेल भी एक कला है, इसलिए बताने वाला तो चाहिए ही-आशय स्पष्ट करो।

वाक्य का आशय स्पष्ट कीजिए :- “उनके वंशज अपनी भयावह लपटों से अब भी उनका मुख उज्जवल किए हुए हैं |” (पाठ – पानी की कहानी)

“गरमी खावै अपने को, नरमी खावै गैर को’ आशय स्पष्ट कीजिए।

आशय स्पष्ट करो- (क) पापी संसार में जन्म लिया है, पापी बनकर रह रही हूँ।

 

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