शहर में सबसे पहले मैं ही लोगों तक समाचार पत्र पहुंचाता था, इस प्रस्ताव से बालक कलाम का मेहनत और आत्मविश्वास भरा मनोभाव प्रकट होता है। बालक के इस कथन के माध्यम से यह बात स्पष्ट होती है कि बालक कलाम अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह ईमानदार था और वह अपने दायित्व को ठीक तरह से निभाता था। इसके अलावा वह समय का बेहद पाबंद था और जो कार्य उसके लिए नियत था है, उसे वो अपने समय पर पूरा करता था।
‘मेरी ममतामई माँ’ पाठ में भारत के पूर्व राष्ट्रपति और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी माँ के विषय में वर्णन किया है। उन्होंने अपनी माँ के साथ बिताए गए बचपन के प्रसंगों को बताया है।
अन्य प्रश्न
Our Score
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]
1 thought on “‘शहर में सबसे पहले मैं ही लोगों तक समाचार पत्र पहुँचाता था।’ – इस प्रस्ताव से बालक कलाम का कौन-सा मनोभाव प्रकट होता है?<div class="yasr-vv-stars-title-container"><div class='yasr-stars-title yasr-rater-stars' id='yasr-visitor-votes-readonly-rater-51622d50b0829' data-rating='0' data-rater-starsize='16' data-rater-postid='7800' data-rater-readonly='true' data-readonly-attribute='true' ></div><span class='yasr-stars-title-average'>0 (0)</span></div>”