जैसा कि हम सब जानते हैं कि दिल्ली शहर हमारे देश के गौरव का प्रतीक है क्योंकि कोई भी हलचल, चाहे वह सामाजिक हो या राजनीतिक, उसका मुख्य केंद्र दिल्ली ही होता है और दिल्ली पर अगर कभी विपदा आई, तो समझो देश पर विपदा आई है ।
मान लेते हैं कि दिल्ली बाढ़ की चपेट में आ गया है तो स्थिति बहुत ही भयानक होगी । बाढ़ की वजह से स्वच्छ जल की भारी कमी झेलनी पड़ेगी क्योंकि दिल्ली की आबादी बहुत है और इस आबादी के लिए स्वच्छ जल की आपूर्ति करना बहुत मुश्किल होगा ।
बाढ़ की वजह से बिजली की आपूर्ति में भी बाधा आएगी क्योंकि बाढ़ तो अपने साथ सब कुछ बहा कर ले जाती है । और तो और, बुनियादी वस्तुओं के लिए लोगों को घुटने टेकने पड़ जाएंगे क्योंकि इनकी आपूर्ति बहुत मुश्किल होगी क्योंकि इन वस्तुओं की कीमतें आसमान छू लेंगी ।
बाढ़ का पानी कचरा, मलबे और रसायनों जैसे खतरनाक पदार्थों के साथ मिल कर बीमारियों और संक्रमण का खतरा पैदा करेगा और इससे कई मनुष्यों और पशु-पक्षियों को जान से हाथ धोना पड़ेगा । बाढ़ से आम जनता की संपत्ति को भारी नुकसान होगा और इसकी भरपाई करना अत्यंत मुश्किल होगा और इस कारण चोर-बाजारी भी बढ़ेगी क्योंकि कई मोकापरस्त लोग गरीबों और जरूरतमंदों की बची-खूची संपत्तियों पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश करेंगे या लोग कोड़ी के भाव अपनी संपत्तियों को बेचने पर मजबूर हो जाएंगे ।
लोग तो कहते हैं कि बाढ़ के फायदे भी हैं क्योंकि बाढ़ पानी की कमी को भी दूर करती है लेकिन सोचने की बात है कि क्या हमें सिर्फ पानी चाहिए या स्वच्छ पानी चाहिए? मान लेते हैं कि बाढ़ से पानी कमी तो दूर हो जाएगी लेकिन जो शहर के शहर और गाँव के गाँव जलमग्न हो जाएंगे, उनका क्या ?
हम सब जानते है कि यमुना नदी दिल्ली से होकर बहती है और अगर उस में बाढ़ आ गयी तो संझनों पूरा का पूरा दिल्ली शहर जलमग्न हो जाएगा और स्थिति को नियंत्रण में लाना अत्यंत मुश्किल हो जाएगा ।
दिल्ली में मजदूरों की भी बड़ी जनसंख्या है और बाढ़ के कारण, या तो वह मर जाएंगे या उन्हें विस्थापित होना पड़ेगा और इस कारण उनके जीवन यापन के साधन भी समाप्त हो जाएंगे और लूट-मारी बढ़ जाएगी क्योंकि भूख आदमी से कुछ भी करवा सकती है ।
इसलिए यह मान कर चलिये कि अगर दिल्ली में कभी बाढ़ आ गयी तो दिल्ली शहर पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा और दिल्ली देश की राजधानी नहीं जल जलधानी बन जाएगी ।
पाठ के अन्य प्रश्न
बाढ़ की समस्या से निजात के लिए मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र लेखन