निबंध
मैं पंछी बोल रहा हूँ ।
आज के समय में मेरा अस्तित्व खत्म होते जा रहा है । पहले के समय में वातावरण शुद्ध होता था । हम पंछी शुद्ध वातावरण में साँस लेते थे ।
आज के समय में मनुष्य सारे वातावरण को प्रदूषित करके रखा है । आए दिन पेड़ काट रहे है । हमारे आवास को उजाड़ रहे है । पेड़ों को काट रहे है और नदियों के पानी को गंदा कर रहे है । हम पंछी क्या करें ? क्या खाएं ? हमारा रहना मुश्किल हो गया है ।
हम पंछी धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे है । हमारे बारे में मनुष्य नहीं सोचता है । मनुष्य अपने लाभ के बारे में सोच रहा है । यही कारण है कि हम खत्म हो रहे है । बहुत दुःख की बात है आज हमारी प्रजाति खत्म हो रही है ।
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