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“पर्वों का बदलता स्वरूप” पर एक अनुच्छेद लिखिए।
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अनुच्छेद, पर्वों

आज के समय में “पर्वों का बदलता स्वरूप देखने को मिल रहा है । आजकल कोई भी पर्वों को महत्व नहीं देता है । सब अकेले-अकेले ही पर्व मनाते है । आज के समय में पहले की तरह अब कोई भी एक साथ पर्वों का आनन्द नहीं लेता है ।

आज कल सब गाँव छोड़कर शहरों में रहना चाहते है । शहरों में सब कुछ दिखावे के लिए मनाया जाता है । किसी भी तरह का रीती-रिवाजों को नहीं माना जाता है । आज कल सब सोशल मीडिया और सोशल जीवन को महत्व देने लग गए है ।

अब सब कुछ बदल गया है । पहले गाँव में घर में सभी परिवार एक साथ एकत्रित होते थे और खुब मजे करते थे । आज के समय में पर्वों का मज़ाक बना कर रख दिया है ।

 

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