‘इस विजन में है और क्यों? अधिक है’ पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का आक्रोश यह है कि नगरीय संस्कृति में व्यवसायिकता हावी हो गई है। कवि के अनुसार नगर के लोग केवल व्यापार को ही अधिक महत्व देते हैं। उनमें सामाजिकता की कमी आ गई है। वह प्रेम और सौंदर्य से दूर हो चुके हैं। वे प्रकृति से कट चुके हैं। नगरीय संस्कृति के लोग कृत्रिम जीवन जीने के आदी बन चुके हैं।
कवि ने इस नगरीय संस्कृति को दुर्भाग्य माना है, इसी कारण ‘इस विजन में और अधिक है’ पंक्तियों के माध्यम से कवि ने नगरीय संस्कृति के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया है।
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