बचेंद्री पाल ने एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा लहरा कर भारत के स्वाभिमान और गौरव को बढ़ाया है। ‘एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा’ पाठ के आधार पर यह बात पूरी तरह सिद्ध होती है। बचेंद्री पाल पहली भारतीय महिला थी, जिसने माउंट एवरेस्ट को फतह किया था। इस तरह उन्होंने न केवल महिलाओं के स्वाभिमान और गौरव को बढ़ाया बल्कि पूरे भारत के स्वाभिमान और गौरव को बढ़ाया।
बचेंद्री पाल एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखती थी और बेहद साधारण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद उनका हौसला अद्भुत था। उन्होंने एवरेस्ट के शिखर को पता करने की ठान ली तो उसको फतह करके ही दम लिया।
इस तरह वो भारत की पहली महिला पर्वतारोही तथा दुनिया की कुल पाँचवीं महिला पर्वतारोही बन गईं, जिन्होंने एवरेस्ट के शिखर को फतह किया। इस तरह बचेंद्री पाल ने पहली भारतीय महिला के रूप में एवरेस्ट को फतह करके पूरे भारत का गौरव सम्मान बढ़ाया था और अन्य कई महिलाओं के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में एक प्रेरणा स्रोत का कार्य किया।
उनके मार्ग में आए कठिनाइयां भी आए लेकिन उन्होंने कठिनाइयों के आगे हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को हासिल करके ही दम लिया।
अतः हम कह सकते हैं कि बचेंद्री पाल ने एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा लहरा कर भारत के स्वाभिमान और गौरव को बढ़ाया है।
अन्य प्रश्न
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