नीचे दिए गए शब्दों में उचित स्थान पर अनुनासिक का प्रयोग करके शब्दों को पुनः इस प्रकार होंगे…
सकरा : सँकरा
हसमुख : हँसमुख
सास : साँस
ऊट : उँट
ऊघना : ऊँघना
काटा : काँटा
चादनी : चाँदनी
छटनी : छँटनी
टाग : टाँग
पहुचना : पहुँचना
भाषाएँ : भाषाएँ अनुनासिक क्या हैं ?अनुनासिक मूल रूप से वे स्वर होते हैं जिनमें मुँह से अधिक नाक से ध्वनि निकलती है। अनुनासिक में चंद्रबिंदु का प्रयोग किया जाता है।
चाँद, दाँत, हँसना, काँचअनुनासिक अनुस्वार से भिन्न होते हैं, क्योंकि अनुनासिक स्वर हैं, वही अनुस्वार व्यंजन हैं।
अन्य प्रश्न
नीचे दिए गए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग किजिए − व्यावहारिकता, आदर्श, सूझबूझ, विलक्षण, शाश्वत