‘आजकल किसी कलाकार की ख्याति उसके प्रचार और विज्ञापन पर आधारित है। आप इस बात से कहाँ तक सहमत हैं ?


Updated on:

जी हाँ, इस बात से हम पूरी तरह सहमत हैं कि आजकल किसी कलाकार की ख्याति उसके प्रचार और विज्ञापन पर आधारित है। हम आज देख रहे हैं कि चारों तरफ विज्ञापन एवं दिखावे का युग है, जो अपना जितना अधिक प्रचार कर पाता है, वही इस समाज में चलता है।

आजकल मूल प्रतिभा का उतना महत्व नहीं है, जितना कि प्रचार का महत्व है। विज्ञापन एवं प्रचार के दम पर कम प्रतिभाशाली कलाकार भी अधिक ख्याति अर्जित कर लेता है और जिनके पास प्रचार करने और विज्ञापन करने की सामर्थ्य नहीं है, वह अधिक प्रतिभा होते हुए भी गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं।
विज्ञापन और प्रचार के इस युग में आम लोगों को भी विज्ञापन और प्रचार की इतनी अधिक लत लग गई है कि वह उसी को अधिक पसंद करते हैं जो जितना अधिक स्वयं को प्रचारित करता है।

प्रचार की यह प्रवृत्ति केवल कलाकार के संबंध में ही नहीं जीवन के हर क्षेत्र में अपना प्रभाव बनाए हुए। दरअसल आज पूरा आज का युग विज्ञापन का युग है और पूरी अर्थव्यवस्था ही विज्ञापन के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई है। जो जितना अधिक विज्ञापन कर पाया वह उतना ही अधिक सफल हो गया।
कलाकार भी इस प्रवृत्ति से अछूते नहीं है। कुछ कलाकारअपनी प्रतिभा से अधिक विज्ञापन में विश्वास रखते हैं और इसके दम पर सफलता भी पा लेते हैं। कुछ ऐसे कलाकार भी होते हैं जिन्हें अपने पर पूरा भरोसा है, लेकिन विज्ञापन के युग में उन्हें भी अपना प्रचार-प्रसार करने के लिए विवश होना पड़ता है, क्योंकि उन्हें भी अपनी कला क्षेत्र में टिक रहना है। इसलिए किसी कलाकार की ख्याति उसके प्रचार और विज्ञापन पर आधारित है, यह बात लगभग पूरी तरह सत्य ही है और हम इससे सहमत हैं।

 

अन्य प्रश्न

“माँ जीवन की आधारशिला” विषय पर अपने विचार उदाहरण सहित लिखिए ।

गाँधी जी के अनुभवों और विचारों को समझाते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखें।​

Our Score
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

Leave a Comment