ई-अध्ययन ई-शिक्षा (ई-लर्निंग)
ई-अध्ययन ई-शिक्षा (ई-लर्निंग) की अध्ययन के क्षेत्र में बहुत अहम भूमिका है । यह शिक्षा की एक ऐसी पद्धति है, जिसमें आप अपने स्थान पर ही इंटरनेट और संचार साधनों की सहायता से अपनी शिक्षा जारी रखते हैं । ई-लर्निंग के कई रूप हैं, जिसमें वेब लर्निंग, मोबाइल लर्निंग, कंप्यूटर लर्निंग और वर्चुअल क्लासरूम शामिल हैं ।
शिक्षा के बेहतर प्रेजेंटेशन और शिक्षण को अधिक रोचक बनाने के लिए विश्व के विकसित देशों ने ई – लर्निंग को डिजीटल शिक्षा के रुप में अपनाया । कंप्यूटर, स्मार्टफोन, डिजीटल माध्यम, इंटरनेट का प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में केवल एक प्रयोग था । पर अनिश्चतता के दौर में ये कॉन्सेप्ट आज एक विकल्प के रुप में दुनिया के सामने है ।
ई- अध्ययन ई-शिक्षा (ई-लर्निंग) की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(1) आर्थिक रूप से निर्बल तथा दूर रहने वाले विद्यार्थियों के लिए यह प्रणाली बहुत उपयोगी है ।
(2) सेवारत होने पर भी युवक या विद्यार्थी ऑनलाइन कोर्स करके अपनी योग्यता की वृद्धि कर सकते हैं । इससे शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात सेवा या कार्य के क्षेत्र में अपने आपको योग्य तथा कुशल रखना सरल हो जाता है । इसमें विद्यार्थियों के लिए सबसे बड़ी सुविधा यह है कि वे जब चाहें, स्टडी-मैटीरियल को पढ़ सकते हैं । इंटरनेट पर अध्ययन सामग्री सदैव उपलब्ध रहती है ।
(3) ऑनलाइन एजूकेशन के माध्यम से युवक या छात्र देश-विदेश के किसी भी विश्वविद्यालय से घर बैठे कोई भी पाठ्यक्रम ग्रहण कर सकते हैं । इसके लिए पंजीकृत प्रविधि या ढंग भी ऑनलाइन ही होती है ।
आजकल तो कुछ विश्वविद्यालय परीक्षाएँ भी ऑनलाइन लेने लगे हैं ।
(4) ऑनलाइन एजूकेशन सिस्टम में अनेक तकनीको का उपयोग किया जाता है; जैसे ई-मेल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ब्लॉग्स, बुलेटिन बोस, डिस्कशन बोर्ड्स आदि ।
(5) ऑनलाइन शिक्षा में ग्राफिक्स, एनिमेशन, मल्टीमीडिया आदि के उपयोग से पाठ्यक्रम सूची काफी रोचक तथा प्रभावकारी बनाया जा सकता है ।
(6) आजकल आभासी प्रयोगशाला के माध्यम से घर बैठे प्रयोगात्मक कार्य भी किए जा सकते हैं ।
(7) प्रमाण पत्र से लेकर उच्च डिग्री तक के विभिन्न कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध रहते हैं ।
ई-लर्निंग : इंटरनेट और कंप्यूटर स्किल को सीखने का एक अच्छा प्लेटफॉर्म है । यह आने वाली पीढ़ी को तकनीकी रूप से मजबूत करेगा । एक दौर था जब इंटरनेट और एडवांस टेक्नॉलजी की शिक्षा बड़े शहरों के स्कूलों तक ही सीमित थी और वह भी औपचारिक तौर पर, लेकिन समय की मांग ने इंटरनेट, डिजीटल तकनीक और कंप्यूटर के जानकारी को ज़रूरी बना दिया है ।
इसका फायदा ये हुआ कि स्कूली छात्रों से लेकर माता-पिता की सहभागिता भी बढ़ी है । ई-लर्निंग के माध्यम से आने वाली पीढ़ी तकनीकी रूप से उन्नत होगी और ई-लर्निंग के तरफ बढ़ते भारत के ये कदम तकनीकी रूप से समृद्ध देशों के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए हमारी नींव को तैयार करेगी । ई-लर्निंग के ज़रिए क्लास रूम में सीमित छात्रों की संख्या का दायरा भी खत्म हुआ है ।
अब एक जगह से शिक्षक कई शहरों और देशों के छात्रों से जुड़ सकते हैं । ऑनलाइन या कंप्यूटर आधारित पाठ्यक्रमों का सफलतापूर्वक पूरा होना छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाता है, छात्रों को जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करता है ।
अन्य प्रश्न
कवि पुरोहित’ के रूप में साहित्यकार की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
स्वस्थ रहने के लिए खेलों और व्यायाम की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।