संस्कृत श्लोक का हिंदी अर्थ…
अर्थ : धन कारण ही मनुष्य बलवान बनता है और धन के कारण ही मनुष्य बुद्धिमान बनता है। इस चूहे को देखो जो अपने बल के कारण ही अपनी जाति समूह में सब के बराबर और सबसे बड़ा हो गया है।
श्लोक का भाव यह है कि धन मनुष्य को इस समाज में ऐसी शक्ति प्रदान कर देता है, जिससे वह अपनी इच्छा अनुसार कोई भी कार्य कर सकता है। धनी व्यक्ति यदि मूर्ख भी हो तो भी समाज में उसे लोग बुद्धिमान ही समझते हैं। यही धन की महिमा है।
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अपने विद्यालय द्वारा आयोजित शैक्षणिक यात्रा का वर्णन करते हुए मित्र को एक पत्र संस्कृत में लिखें।
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