मकान नंबर 14,
देव नगर,
शिमला (हि. प्र.),
दिनांक: 27-11-2022,
प्रिय मित्र ,
स्नेह !
मैं अपने परिवार सहित कुशल पूर्वक हूं और तुम्हारी कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ । बहुत दिन से तुमने पत्र नहीं लिखा इसलिए मैंने तुम्हें यह पत्र मैंने अत्यंत चिंतित होकर लिखा है जैसे ही यह पत्र तुम्हें मिले, मुझे अपनी खबर देना । ईश्वर करें तुम स्वस्थ हो ।
कई दिनों से तुम्हें पत्र लिखने की सोच रहा था लेकिन थोड़ी व्यस्तता के कारण समय नहीं निकल पा रहा था । तुमसे बात करके अपनी बातें तुमसे बांट कर मेरा मन हल्का हो जाता है । मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि मैं आज बहुत खुश हूँ क्योंकि आज स्कूल में मेरी बहुत प्रशंसा हुई है क्योंकि मैंने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और इस कारण मुझे राष्ट्रीय स्तर पर छात्रवृति भी मिली है ।
शिक्षा के साथ-साथ मैंने अन्य क्षेत्रों में भी जैसे खेल-कूद प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता ,चित्रकला प्रतियोगिता आदि में स्कूल का नाम रोशन किया है । स्कूल के हेड बॉय होने के नाते भी अपने बेहतरीन नेतृत्व के लिए भी मेरी प्रशंसा कि गई ।
अध्यापक जी ने पूरे स्कूल के सामने कहा कि उन्हें और पूरे स्कूल को मुझ पर गर्व है । उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में भी मैं इसी तरह से प्रदर्शन करूँगा और अपने स्कूल व अपने माता-पिता का नाम रोशन करूंगा । यह सुनकर तो मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा । चलो अब मैं पत्र समाप्त करता हूँ ,शेष मिलने पर | अपने माता-पिता को मेरी ओर से चरण-स्पर्श कहना ।
तुम्हारा मित्र,
मोहन ।
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