भाव स्पष्ट कीजिए। अब तो बहरहाल छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो तो उसके ऊपर बैठकर चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।

अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।

भाव : ‘तोप’ कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने यह बताया है कि समय बड़ा बलवान होता है। कवि ने कंपनी बाद में रखी एक ऐतिहासिक तोप की वर्तमान स्थिति का वर्णन करते हुए कहा है कि यह तोप एक समय में बेहद शक्तिशाली हुआ करती थी और जोर-जोर से गरजा करती थी।

सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में इस तोप कोहराम मचा रखा था और अनेक स्वाधीनता सेनानियों की जान ली थी। उस समय यह तो आतंक का पर्याय थी। लेकिन अब यह तो शांत है, बेबस है और खिलौना मात्र बनकर रह गई है। अब तो छोटे बच्चे इस पर सवारी करते हैं, खेलते-कूदते हैं। जब बच्चे नहीं होते तब तोप पर चिड़ियों का झुंड इकट्ठा होकर अपनी चहचहाट से परेशान करता है। किसी समय में बड़े-बड़े सूरमाओं के हौसले पस्त कर देने वाली यह तोप आज  बच्चों की खिलखिलाहट और चिड़ियों की चहचहाट और गपशप सुनने के लिए विवश है।

कवि ने  इन पंक्तियों के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयत्न किया है कि समय अच्छे से अच्छे बलवान को धरातल पर पटकता है।

 

संदर्भ पाठ :

तोप : वीरेन डंगवाल (कक्षा – 10, पाठ – 7, हिंदी, स्पर्श भाग – 2)


इस पाठ के अन्य प्रश्न

कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे?

कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?

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तोप : वीरेन डंगवाल (कक्षा-10 पाठ-7 हिंदी स्पर्श 2)

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